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लोन माफी आंदोलन को लेकर हुआ जनसंवाद, गरीबों के ऋण माफ करने की उठी मांग




सुपौल। सदर प्रखंड के लखनीपट्टी गांव में लोन माफी आंदोलन के बैनर तले जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कृष्णदेव यादव ने की, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणों और आंदोलन से जुड़े लोगों ने हिस्सा लिया।

कार्यक्रम में लोरिक विचार मंच के प्रदेश संयोजक डॉ. अमन कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि लोन माफी आंदोलन बिहारवासियों के लिए बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि गरीब, किसान, मजदूर, बेरोजगार युवा और महिलाएं आज ऋण चुकाने में असमर्थ हैं। महंगे ब्याज और लगातार बढ़ते आर्थिक संकट के कारण लोग मजबूरी में घर छोड़ने को विवश हो रहे हैं।

डॉ. कुमार ने आरोप लगाया कि कई फाइनेंस कंपनियों के रिकवरी एजेंट ऋण वसूली के नाम पर अमानवीय व्यवहार कर रहे हैं, जिससे कई परिवारों को मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है। उन्होंने कहा, "जब सरकार उद्योगपतियों का लाखों करोड़ का कर्ज माफ कर सकती है, तो गरीबों को भी यह अधिकार मिलना चाहिए।"

उन्होंने मांग की कि किसानों के केसीसी ऋण, महिलाओं के समूह ऋण, छात्रों के शिक्षा ऋण और बेरोजगार युवाओं के व्यक्तिगत ऋण को माफ किया जाए। डॉ. कुमार ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन किसी जाति, धर्म या राजनीतिक दल के समर्थन या विरोध में नहीं, बल्कि गरीब और जरूरतमंद ऋणधारियों को न्याय दिलाने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है।

जनसंवाद में बृजकिशोर यादव, मोहम्मद अयूब, प्रदीप शर्मा, कार्तिक शर्मा, मीरा देवी, चन्द्रकला कुमारी, राजीव कुमार, सुभाष यादव सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लेकर आंदोलन के प्रति समर्थन जताया।

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