सुपौल। छातापुर प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय, कटहरा खतबे टोला में पदस्थापित शिक्षिका स्मिता ठाकुर ने समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन की मिसाल कायम की है। उन्होंने न केवल विद्यालय की छात्राओं को, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को भी माहवारी स्वास्थ्य, स्वच्छता और सुरक्षा के प्रति जागरूक कर एक साहसी पहल की है।
सुदूर ग्रामीण इलाके में जहां आज भी माहवारी जैसे विषयों को लेकर झिझक और चुप्पी बनी हुई है, वहीं शिक्षिका स्मिता ठाकुर ने इसे सहजता से स्वीकारने और सम्मान देने की दिशा में अभिनव कदम उठाया है। उन्होंने स्वरचित कविता के माध्यम से माहवारी को लेकर सामाजिक धारणाओं को चुनौती दी और बच्चियों को इसके प्रति जागरूक किया।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने छात्राओं को ‘रेड डॉट चैलेंज’ में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। इस चैलेंज के तहत छात्राओं ने अपने हाथों पर लाल बिंदु (रेड डॉट) बनाकर यह शपथ ली कि वे माहवारी को सहजता और गरिमा के साथ स्वीकारेंगी तथा इसे शर्म का विषय नहीं, बल्कि गौरव का प्रतीक मानेंगी।
स्मिता ठाकुर की इस पहल को व्यापक सराहना मिल रही है। एक ऐसे समय में जब माहवारी जैसे मुद्दों को लेकर समाज में अब भी संकोच व्याप्त है, उनकी यह पहल ग्रामीण परिवेश में जागरूकता की नई लहर लेकर आई है। उन्होंने न केवल एक संवेदनशील मुद्दे को उजागर किया, बल्कि महिलाओं को आत्मसम्मान और स्वास्थ्य के प्रति सजग होने का रास्ता भी दिखाया।
यह पहल इस बात का प्रमाण है कि अगर शिक्षक चाहें तो वे केवल किताबों तक सीमित न रहकर समाज को बदलने का माध्यम भी बन सकते हैं। जहां अक्सर माहवारी जैसे मुद्दों को संस्कृति और परंपरा के नाम पर नजरअंदाज किया जाता है, वहीं स्मिता ठाकुर ने उसे मुख्यधारा की चर्चा में लाकर सामाजिक सोच को दिशा देने का कार्य किया है।
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