सुपौल। तेजेन्द्र हाईस्कूल बरुआरी के प्रधानाध्यापक सुशील कुमार के सेवानिवृत्त होने पर विद्यालय परिसर में एक भव्य विदाई समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सुपौल जिला परिषद सदस्य रजनीश कुमार सिंह, शिक्षक संघ सचिव सुरेंद्र यादव सहित कई स्कूलों के एचएम, शिक्षकगण और गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला परिषद सदस्य रजनीश कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षक आजीवन ज्ञान की धारा से जुड़े रहते हैं। वे भले ही विद्यालय और सरकारी सेवा से मुक्त हो जाएं, लेकिन शिक्षा और समाज सेवा से उनका नाता बना रहता है।
सुशील कुमार ने 26 मई 1998 को मुंशी लाल उच्च विद्यालय, बस्तोल (कटिहार) में हिंदी शिक्षक के रूप में अपने सेवा जीवन की शुरुआत की थी। वे 5 मार्च 2024 को तेजेन्द्र हाईस्कूल बरुआरी में एचएम के पद पर योगदान किए। इसके पहले उन्होंने बबुजन विश्वेश्वर बालिका उच्च विद्यालय में लंबा कार्यकाल बिताया और वहां सितंबर 2021 से अक्टूबर 2023 तक प्रधानाध्यापक का प्रभार भी संभाला।
कार्यक्रम में स्कूल प्रबंध समिति के अध्यक्ष सुरेश्वर सिंह ने उनके कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि सुशील कुमार ने शैक्षणिक माहौल को मजबूत और प्रेरणादायक बनाया। वहीं, सदस्य प्रभाकांत झा ने कहा कि एचएम का दायित्व आज के समय में चुनौतीपूर्ण है और सुशील कुमार ने इसे सादगी और कुशलता से निभाया।
सेवानिवृत्त एचएम सुशील कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि यह मेरे लिए भावुकता का पल है। मुझे इस विद्यालय से जो स्नेह और सहयोग मिला है, उसे मैं जीवनभर नहीं भूल पाऊंगा। उन्होंने अपने सहयोगियों और छात्रों के प्रति आभार व्यक्त किया और वरिष्ठ शिक्षक बीरेंद्र यादव को एचएम का प्रभार सौंपा।
शिक्षक संघ के सचिव सुरेंद्र यादव ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र के प्रहरी होते हैं। वे कभी सेवानिवृत्त नहीं होते। उन्होंने सुशील कुमार से संगठन में सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया और उन्हें अनुभवों से शिक्षा जगत को मार्गदर्शन देने की अपील की।
कार्यक्रम में सेवानिवृत्त आईएएस बालमुकुंद झा, महेश्वर सिंह, नरेश सिंह, जितेंद्र कुमार ज्योति, विलियम्स स्कूल के एचएम मानिकचंद यादव, विवि बालिका सुपौल के एचएम गोपाल चौधरी, परसरमा हाईस्कूल के प्रशांत कुमार सिंह, सुखपुर हाईस्कूल के विश्वविजय कुमार समेत कई शिक्षक एवं शिक्षिकाएं शामिल हुए।
पूरा कार्यक्रम भावनात्मक और सम्मान से भरा रहा, जिसमें सुशील कुमार को उनके शिक्षा जगत में योगदान के लिए भरपूर सम्मान और शुभकामनाएं दी गईं।
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