सुपौल। राघोपुर प्रखंड के हरिराहा पंचायत में आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। कथा के पंचम दिवस पर प्रख्यात मैथिल कथा वाचक आचार्य धर्मेंद्रनाथ मिश्र ने पूतना वध से लेकर कालिया दमन तक की कथा का अत्यंत भावपूर्ण वर्णन किया, जिससे उपस्थित श्रद्धालु भावविभोर हो उठे।
आचार्य मिश्र ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए पूतना वध, सकट भंजन, अघासुर वध, बकासुर वध, तृणावर्त का उद्धार, यशोदा मैया द्वारा भगवान को उखल से बांधना, यमलार्जुन उद्धार, और इंद्र यज्ञ निवारण व गोवर्धन पूजा तक की घटनाओं का दिव्य वर्णन किया।
उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से पूतना जैसी बालघातिनी भी उद्धार को प्राप्त हुई। जब वह विष पिलाने के उद्देश्य से भगवान को दूध पिलाने लगी, तब प्रभु ने पहले उसके पाप और ताप को पी लिया और अंततः उसके प्राण हर लिए, जिससे उसका भी कल्याण हो गया।
कथा के दौरान उन्होंने यह भी बताया कि कैसे भगवान अपनी कृपा दृष्टि से दुष्टात्माओं को भी मोक्ष प्रदान करते हैं और यह श्रीकृष्ण की अद्वितीय लीला का प्रमाण है।
इस पावन आयोजन को सफल बनाने में विनोद झा, रंभा देवी, अमरेंद्र झा, अरविंद झा, अमोल झा, रंगनाथ झा, विकास झा, पंकज झा समेत पूरे ग्रामवासी तन-मन-धन से लगे हुए हैं। आयोजन स्थल पर श्रद्धालुओं के लिए उचित बैठने, प्रसाद वितरण और भक्तिमय वातावरण की व्यवस्था की गई है।
हरिराहा गांव में यह आयोजन भक्तों के लिए आध्यात्मिक चेतना का केंद्र बन गया है, जहां कथा श्रवण से लोगों की आस्था और श्रद्धा में और अधिक वृद्धि हो रही है। आगामी दिनों में भी श्रीमद्भागवत कथा के विभिन्न प्रसंगों का वाचन किया जाएगा।
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