सुपौल। छातापुर मुख्यालय बाजार स्थित सार्वजनिक धर्मशाला में रविवार को निरंकारी मिशन के तत्वावधान में एक दिवसीय भव्य सत्संग का आयोजन श्रद्धा और उल्लास के वातावरण में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में बरौनी जोन के क्षेत्रीय संचालक एवं मुख्य महात्मा श्री सचिद्दानंद समदर्शी जी विशेष रूप से उपस्थित रहे। उनके सान्निध्य में सत्संग की शुरुआत गुरु वंदना के साथ की गई। इस दौरान भावपूर्ण भजनों का भी आयोजन हुआ, जिसमें श्रद्धालु भावविभोर होकर झूमते नजर आए।
सत्संग में श्री समदर्शी जी ने कहा कि जिसकी भक्ति, उसकी पूजा तभी सार्थक है जब उसका ज्ञान हो। पहले ईश्वर की पहचान जरूरी है। उन्होंने समझाया कि जब तक हम परमात्मा को नहीं पहचानते, तब तक हमारी पूजा-पाठ अधूरी है। भक्ति का सार है भगवान के निज स्वरूप को जान लेना। उन्होंने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि निरंकार रूप में ईश्वर हमारे अंग-संग रहते हैं।
इस अवसर पर मुखी महात्मा सुधीर मालाकार ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अंधा वह नहीं जिसकी आंखें नहीं, अंधा वह है जो प्रभु-दर्शन से वंचित है।सेवादल इंचार्ज राजकुमार निषाद ने कहा कि सेवा और समर्पण ही जीवन का आधार है, जो ब्रह्मज्ञान के बिना अधूरी मानी जाती है।
कार्यक्रम में जयकृष्ण यादव, भूपेंद्र यादव (मुखी), अरविंद कुमार (इंचार्ज), अनमोल यादव, लालमोहन यादव, कुलदीप कुमार, सिकंदर यादव, डॉ. संजीव कुमार, मीरा देवी, महात्मा धीरेन्द्र मालाकार, संजय कुमार, अशोक मंडल, राहुल मालाकार, आयुष कुमार, बैजू कुमार, शशिकांत कुमार, विकास कुमार, दिव्यांशु कुमार, यश कुमार, रोहित कुमार समेत अनेक सेवादार व श्रद्धालु प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
महिला श्रद्धालुओं में रूपा देवी, सुशीला देवी, गुंजन देवी, कंजू देवी, रीता देवी, रेखा देवी, निकेता कुमारी, ज्योति कुमारी, सोनाली कुमारी, पुष्पलता कुमारी, अनुभा कुमारी, निधि कुमारी, नेहा कुमारी, आरती कुमारी, नीतू यादव समेत दर्जनों धर्मप्रेमी शामिल हुए।
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