सुपौल। पिपरा प्रखंड के पथरा उत्तर पंचायत स्थित वार्ड संख्या 4 के पंचायत कृषि कार्यालय परिसर में भारत सरकार द्वारा संचालित किसान कृषि समन्वय अभियान के तहत किसान-वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम का आयोजन सोमवार को किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन सांसद दिलेश्वर कामत, जिला कृषि पदाधिकारी पप्पू कुमार एवं उप परियोजना निदेशक आत्मा, चंद्र आलोक ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
इस अवसर पर वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक नित्यानंद राय एवं डॉ. निराला समेत क्षेत्र के सैकड़ों किसान उपस्थित रहे। कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों से प्रत्यक्ष संवाद कर उन्हें जलवायु अनुकूल खेती, उन्नत बीज चयन, और मौसम के अनुसार फसल की बुआई के बारे में जानकारी दी। साथ ही सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी साझा किए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद दिलेश्वर कामत ने कहा कि यह अभियान 29 मई से 12 जून तक पूरे देश के ग्रामीण इलाकों में चलाया जा रहा है। इस दौरान कृषि वैज्ञानिक किसानों को वैज्ञानिक पद्धति से खेती कर अधिक उपज प्राप्त करने के उपाय बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि का लाभ पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन अनिवार्य है।
जिला कृषि पदाधिकारी पप्पू कुमार ने बताया कि सरकार किसानों के लिए कई योजनाएं चला रही है, जिनमें जैविक खेती, दलहन-तिलहन प्रोत्साहन योजना, और वर्मी कम्पोस्ट प्रोत्साहन योजना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग से किसान प्रति एकड़ लगभग 15 हजार रुपये की बचत कर सकते हैं और मिट्टी की गुणवत्ता भी बेहतर होती है।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि सुपौल जिले को 441 वर्मी कम्पोस्ट यूनिट निर्माण का लक्ष्य मिला है, जिसका लाभ किसान उठा सकते हैं। इसके अलावा जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रति एकड़ 400 रुपये वार्षिक प्रोत्साहन राशि सरकार द्वारा दी जा रही है।
कार्यक्रम के अंत में किसानों ने वैज्ञानिकों से सवाल पूछे और अपनी समस्याओं पर चर्चा की। आयोजन को लेकर किसानों में खासा उत्साह देखने को मिला।
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