सुपौल। बिहार में बढ़ती बेरोजगारी की चुनौती से निपटने के उद्देश्य से जिला नियोजनालय–मॉडल कैरियर सेंटर सुपौल के अधिकारी अमरेन्द्र कुमार साह द्वारा एक महत्वपूर्ण शोध पत्र प्रस्तुत किया गया है। यह शोध पत्र "सुपौल में रोजगार की चुनौतियाँ और समाधान" विषय पर केंद्रित है, जिसमें व्यावहारिक रणनीतियों और नीतिगत सुझावों के माध्यम से रोजगार के नए अवसर सृजित करने की संभावनाओं पर प्रकाश डाला गया है।
इस शोध का उद्देश्य न केवल सुपौल, बल्कि पूरे बिहार में बेरोजगारी की समस्या के समाधान के लिए ठोस और लागू की जा सकने वाली योजनाएँ तैयार करना है। शोध में स्थानीय संसाधनों के बेहतर उपयोग, कौशल विकास, स्वरोजगार को बढ़ावा देने और निजी क्षेत्र की भागीदारी जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सुझाव दिए गए हैं।
शोध पत्र को प्राप्त करते हुए श्रम अधीक्षक सुपौल सुशील यादव और जिला नियोजन पदाधिकारी अंकिता ने प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि “शोध पत्र में प्रस्तुत सुझाव यदि प्रभावी रूप से लागू किए जाएं, तो इससे जिले के हजारों युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकते हैं और राज्य के आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी।”
शोध पत्र में खासकर स्थानीय उद्योगों, कृषि आधारित व्यवसायों, आईटी और सेवा क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं पर विशेष बल दिया गया है। साथ ही, जिला स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों, कैरियर काउंसलिंग और उद्यमिता विकास के लिए ठोस ढांचा तैयार करने की सिफारिश की गई है।
प्रस्तुत शोध पत्र को नीतिगत स्तर पर एक दिशा देने वाली पहल के रूप में देखा जा रहा है, जिससे न केवल युवाओं को मार्गदर्शन मिलेगा, बल्कि प्रशासनिक तंत्र को भी रोजगार योजनाओं के क्रियान्वयन में स्पष्टता प्राप्त होगी।
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