सुपौल। महात्मा गांधी के प्रपौत्र एवं प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता तुषार गांधी ने मंगलवार को सामाजिक-राजनीतिक संवाद कार्यक्रम के तहत सुपौल जिले के विभिन्न बांध प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान वे पंचगछिया, बेंगा सनपतहा, मुगरार सहित कई गांवों में पहुंचे और ग्रामीणों से सीधा संवाद कर उनकी समस्याएं सुनी। उन्होंने गांवों की जमीनी स्थिति का जायजा लेते हुए बाढ़ और विस्थापन की समस्याओं पर चिंता जाहिर की।
सुपौल में रात्रि विश्राम के बाद बुधवार सुबह तुषार गांधी ने जिले में स्थित स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं सामाजिक क्रांतिकारियों के स्मारकों पर पहुंचकर उन्हें पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने महात्मा गांधी, डॉ. भीमराव अंबेडकर, डॉ. राममनोहर लोहिया और लहटन चौधरी के स्मारकों पर माल्यार्पण कर उनके विचारों को नमन किया।
इस अवसर पर तुषार गांधी ने कहा कि आज के सामाजिक और राजनीतिक संदर्भ में गांधी, अंबेडकर, लोहिया और अन्य क्रांतिकारियों के विचार पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हैं। हमें उनके सिद्धांतों को जीवन में अपनाने की जरूरत है।
तुषार गांधी के इस दौरे में कई प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि उनके साथ मौजूद रहे। इनमें जयप्रकाश चौधरी, भुनेश्वर यादव, पीतांबर पाठक, सुशील यादव, दुखीलाल यादव, अनोखा देवी, विमल यादव, संजीव यादव, वीरेंद्र झा और महेंद्र यादव जैसे नाम प्रमुख हैं।
कार्यक्रम में अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष डॉ. सुनीलम की विशेष उपस्थिति भी रही। बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीणों, युवाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तुषार गांधी का गर्मजोशी से स्वागत किया और उनके विचारों को ध्यानपूर्वक सुना।
तुषार गांधी ने बांधों के अंदर बसे गांवों की दुर्दशा पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की घोर कमी है जिससे हजारों लोग आज भी शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी मूलभूत जरूरतों से वंचित हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि बांध प्रभावित इलाकों में स्थायी आधार पर विकास की ठोस योजनाएं लागू की जाएं।
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