सुपौल। त्रिवेणीगंज नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड संख्या 26 स्थित जामिया इस्लामिया सिराजुल उलूम परिसर में मंगलवार को विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता मौलाना मोहम्मद अबूल कलाम शम्सी ने की। इस मौके पर विभिन्न मस्जिदों के इमामों के साथ-साथ बड़ी संख्या में युवाओं की उपस्थिति रही।
बैठक में मौलाना शम्सी ने मतदान के अधिकार की अहमियत पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि हमारा संविधान हमें जो अधिकार देता है, उनमें सबसे महत्वपूर्ण अधिकार है—वोट देने का अधिकार। यह केवल एक कागज का टुकड़ा नहीं, बल्कि लोकतंत्र की आत्मा है, जिसके माध्यम से हम अपनी सरकार और नीतियों को तय करते हैं।
उन्होंने कहा कि अक्सर लोग यह सोचकर मतदान नहीं करते कि "मेरे एक वोट से क्या होगा?" लेकिन यह सोच गलत है। इतिहास गवाह है कि एक-एक वोट ने कई बार सत्ता की तस्वीर बदल दी है। मतदान न करना, बदलाव की प्रक्रिया से खुद को अलग कर लेना है और यह लोकतंत्र को कमजोर करने जैसा है।
मौलाना शम्सी ने विशेष रूप से युवाओं से अपील की कि वे मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करवाएं, वोटर आईडी की जांच करें और आवश्यक दस्तावेजों के साथ फॉर्म जमा कर विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि भारत की सबसे बड़ी ताकत उसका युवा वर्ग है और यदि युवा जागरूक होकर मतदान करेंगे तो देश की दिशा सकारात्मक रूप से बदलेगी।
बैठक का संचालन मुहम्मद अबुल मुहासिन ने किया। इस अवसर पर मौलाना अतीकुर रहमान नदवी, कारी आज़म, अब्दुल वहाब, मौलाना अब्दुल हफीज, हाफिज सिराज, नुरुल हुदा, मोहम्मद निजामुद्दीन, नुरुल इस्लाम, मोहम्मद महफूज, हाफिज इलियास, मोहम्मद सरफराज अहमद, परवेज आलम, मोहम्मद इदरीश, मंजर आलम, सरफराज मुन्ना और हाफिज अशफाक समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
बैठक के दौरान आम सहमति बनी कि समाज के सभी वर्गों, खासकर अल्पसंख्यक समुदाय और युवाओं को जागरूक कर विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी ताकि कोई भी नागरिक अपने संवैधानिक अधिकार से वंचित न रहे।
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