- स्वास्थ्य विभाग कर रही नई पहल
- प्रसव केंद्रों एवं एसएनसीयू में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मी होंगे प्रशिक्षित
पटना। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए स्वास्थ्य विभाग एक नई पहल करने जा रही है। राज्य के सभी चिन्हित प्रसव केंद्रों पर लेबर रूम एवं एसएनसीयू,एनबीएसयू में मेंटरिंग प्रणाली को सशक्त एवं विस्तारित किया जा रहा है। इसके लिए जीवन दीप मेंटरिंग कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य एसएनसीयू एवं लेवर रूम में कार्यरत चिकित्सकों एवं स्टॉफ नर्स की तकनीकी दक्षता में सुधार एवं गुणवत्ता सुनिश्चित करना है।
नेशनल लाइब्रेरी आफ मेडिसिन में छपी एक जर्नल के अनुसार उत्तर भारत के प्रसव कक्षों के 33 नर्स पर शोध किया गया। इसमें से 22 नर्सोें को मेंटरशिप के अंतर्गत रखा गया जबकि 11 नर्सों को मेंटरशिप कार्यक्रम से बाहर रखा गया। शोध में जांच सूची का उपयोग कर नर्सिंग देखभाल की गुणवत्ता का आकलन किया गया। जिसमें प्रारंभिक मूल्यांकन, संक्रमण नियंत्रण, प्रसव एवं प्रसव के दौरान देखभाल शामिल थी। समूहों के बीच अभ्यास स्कोर की तुलना करने के लिए एक अयुग्मित टी-परीक्षण सहित सांख्यिकीय विश्लेषण का उपयोग किया गया। इसके प्रतिफल में मेंटरशिप कार्यक्रम के कारण उन 22 नर्सों के प्रारंभिक मूल्यांकन, दस्तावेज़ीकरण और संक्रमण नियंत्रण उपायों जैसी प्रमुख प्रथाओं के अनुपालन में काफी सुधार हुआ।
प्रथम चरण में 35 जिला अस्पताल एवं एसडीएच दानापुर है शामिल
कार्यक्रम के प्रथम चरण में 35 जिला अस्पताल एवं सब डिविजनल अस्पताल दानापुर को मेंटरिंग फ्रेमवर्क की स्थापना की जाएगी। वहीं अगले चरण में उच्च प्रसव भार वाले केंद्रों को सम्मिलित किया जाएगा। लेबर रूम में एवं एसएनसीयू में प्रत्येक जिला अस्पताल में से एक स्त्री रोग विशेषज्ञ,एक शिशु रोग विशेषज्ञ एवं एक स्टॉफ नर्स लेवर रूम सहित कुल 140 मेंटर्स को प्रशिक्षित किया जाएगा।
पटना एम्स में एडिशनल ऑफिसर एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ इंदिरा प्रसाद ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण स्वास्थ्य कर्मियों को और दक्ष बनाते हैं। इससे लेबर रूम में उत्पन्न विभिन्न परिस्थितियों के उचित प्रबंधन में भी बल मिलता है।
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