सुपौल। विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में आवासित एक बच्ची को उप विकास आयुक्त सारा अशरफ द्वारा तेलंगाना राज्य के हैदराबाद निवासी एक दम्पत्ति को दत्तक ग्रहण-पूर्व पोषण देखरेख के लिए सौंपा गया।
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त महोदया ने बच्ची के भावी माता-पिता को दत्तक ग्रहण के माध्यम से उसे अपने परिवार का सदस्य बनाने के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि दत्तक ग्रहण न केवल एक कानूनी प्रक्रिया है, बल्कि यह एक मानवीय और संवेदनशील पहल भी है, जिससे ऐसे बच्चों को सुरक्षित भविष्य और परिवार का स्नेह प्राप्त होता है।
उन्होंने बताया कि दत्तक ग्रहण (गोद लेना) एक वैधानिक प्रक्रिया है, जिसके अंतर्गत जैविक माता-पिता से स्थायी रूप से अलग हो चुके बच्चों को सभी कानूनी अधिकारों, लाभों और दायित्वों के साथ दत्तक माता-पिता की संतान के रूप में मान्यता मिलती है। दत्तक ग्रहण के बाद बच्चा न केवल नए माता-पिता का पूर्ण सदस्य बनता है, बल्कि उसे उनके संपत्ति संबंधी अधिकार भी प्राप्त होते हैं।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि किसी भी बच्चे को कानूनी रूप से गोद लेने की प्रक्रिया केवल विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान के माध्यम से ही पूरी की जाती है, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता और बच्चों के हितों की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। इस मौके पर संस्थान के पदाधिकारी एवं कर्मी भी उपस्थित रहे।

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