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राघोपुर : न्यायालय के आदेश पर अतिक्रमण हटाने गई प्रशासनिक कार्रवाई में बवाल, पुलिस पर पथराव, लाठीचार्ज


सुपौल। राघोपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत नगर पंचायत सिमराही के वार्ड संख्या 3 में रविवार को वीरपुर न्यायालय के आदेश पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान स्थिति तनावपूर्ण हो गई। प्रशासन द्वारा भारी पुलिस बल की मौजूदगी में की जा रही कार्रवाई का महादलित समुदाय के कुछ लोगों ने विरोध किया, जो देखते ही देखते उग्र रूप ले लिया। इस दौरान पुलिस पर पथराव किया गया, जिसके बाद स्थिति नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग एवं लाठीचार्ज करना पड़ा।

प्राप्त जानकारी के अनुसार यह मामला भूमि विवाद से जुड़ा है। सिमराही निवासी मो. अख्तर ने आरोप लगाया था कि उनकी रैयती भूमि पर कुछ महादलित परिवारों द्वारा अवैध रूप से मकान बनाकर कब्जा किया गया है। इस संबंध में उन्होंने वर्ष 2011 में वीरपुर न्यायालय में टाइटिल सूट दायर किया था। लंबी सुनवाई के बाद वर्ष 2018 में न्यायालय ने उनके पक्ष में डिक्री पारित करते हुए अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था।

न्यायालय के आदेश के अनुपालन में रविवार को भूमि खाली कराने की कार्रवाई की गई। इस दौरान मजिस्ट्रेट सह बसंतपुर सीओ हेमंत अंकुर के नेतृत्व में तीन सदस्यीय न्यायालयी टीम, एक नाजीर एवं दो प्रोसेस सर्वर मौके पर मौजूद थे। इसके अलावा राघोपुर सीओ रश्मि प्रिया, राघोपुर थानाध्यक्ष अमित कुमार राय सहित भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी।

कार्रवाई के दौरान बुलडोजर की मदद से अतिक्रमित संरचनाओं को हटाने की प्रक्रिया शुरू की गई। इसी बीच अतिक्रमणकारियों ने विरोध शुरू कर दिया, जो बाद में उग्र हो गया। कुछ लोगों द्वारा पुलिस पर ईंट-पत्थर फेंके गए। हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। घटना के दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी मौके पर जमा हो गए।

प्रशासनिक दल के लौटने के बाद आक्रोशित लोगों ने एनएच-106 पर आगजनी कर कुछ समय के लिए सड़क जाम कर दिया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। बाद में पुलिस ने हस्तक्षेप कर स्थिति को नियंत्रित किया और यातायात बहाल कराया।

इस संबंध में मजिस्ट्रेट सह बसंतपुर सीओ हेमंत अंकुर ने बताया कि न्यायालय के आदेश के तहत अमली मुशहर, बद्री मुशहर, श्यामल मुशहर सहित कुल 12 लोगों द्वारा मो. अख्तर की भूमि पर किए गए अवैध अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि कार्रवाई के दौरान कुछ लोगों द्वारा पथराव किया गया, लेकिन फिलहाल स्थिति पूरी तरह सामान्य है। पूरे मामले की रिपोर्ट न्यायालय को भेजी जाएगी और आगे की कार्रवाई न्यायालय के निर्देशानुसार की जाएगी।

वहीं भूमि स्वामी मो. अख्तर ने बताया कि उक्त जमीन उनकी मरोसी जमीन है, जो पहले उनके दादा के नाम पर थी और वर्ष 2007 में दान के माध्यम से उन्हें प्राप्त हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि संबंधित लोगों को इंदिरा आवास योजना के तहत पहले ही आवास मिल चुका है, इसके बावजूद वे उनकी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर रह रहे थे। उन्होंने प्रशासन पर कार्रवाई अधूरी रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि कुल 3 कट्ठा 13 धुर जमीन में से केवल एक घर को आंशिक रूप से हटाया गया है, जबकि दो घर अब भी शेष हैं। उन्होंने न्यायालय के आदेश का पूर्ण अनुपालन कराने की मांग की है।

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