- 26 स्थानों पर हजारों गर्भवती महिलाओं ने उठाया लाभ
- एनीमिया से बचने के लिए वितरित की गई गोलियाँ
सुपौल। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत जिले में बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आयोजित कर गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की गई। इस जांच के दौरान उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उनके सफल प्रसव प्रबंधन की व्यवस्था की जाती है। जिले में कुल 26 स्थानों पर इस कार्यक्रम का अयोजन करते हुए हजारों की संख्या में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की गयी । प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की चार बार प्रसव पूर्व जांच की जाती है।
26 स्थानों पर हजारों गर्भवती महिलाओं ने उठाया लाभ
जिला कार्यक्रम प्रबंधक मो0 मिन्नतुल्लाह ने बताया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सदर अस्पताल सुपौल सहित कुल 26 स्थानों पर गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच दक्ष चिकित्सकों द्वारा की गयी । यह कार्यक्रम प्रत्येक माह की 9वीं एवं 21वीं तारीख को आयोजित किये जाते हैं। किन्तु इस माह 9 और 10 तारीख को सार्वजनिक अवकाश रहने के कारण यह कार्यक्रम 11वीं तारीख को आयोजित किया गया है । बताया दें कि मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की शुरुआत की गई है। जिसके तहत गर्भवती महिलाओं की चार बार प्रसव पूर्व जांच की जाती है। इसके लिए सामुदायिक स्तर पर कार्यरत आशा कार्यकर्त्ता द्वारा गर्भवती महिलाओं को सूचीबद्ध करते हुए उनकी प्रसव पूर्व जांच सुनिश्चित की जाती है। प्रसव पूर्व जांच में आयी गर्भवती महिलाओं का वजन, बीपी, एचआईवी, ब्लड शुगर, एफएचएस व अन्य जाँच करते हुए उनका सफल व सुरक्षित प्रसव प्रबंधन सुनिश्चित किया जाता है। ताकि प्रसव के दौरान मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लायी जा सके।
एनीमिया से बचने के लिए वितरित की गई गोलियाँ
जिला कार्यक्रम प्रबंधक ने बताया इस दौरान प्रसव पूर्व जांच के लिए आयी गर्भवती महिलाओं को सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश के आलोक में फोलिक एसिड, कैल्सियम एवं आयरन की गोलियां वितरित की गई। गर्भवती माताओं का एनीमिया ग्रस्त होना एक आम समस्या है। इससे निपटने के लिए सरकार द्वारा गर्भवती माताओं को फोलिक एसिड, कैल्सियम एवं आयरन की गोलियाँ वितरित किये जाने के दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। वहीं जांच के दौरान गर्भवती माताओं को उचित खान-पान की सलाह दी जाती है
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