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31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस 2023 का जिला स्तरीय परियोजना प्रस्तुतीकरण सह मूल्यांकन कार्यशाला का हुआ आयोजन

सुपौल। राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभागभारत सरकार, एससीईआरटी, बीसीएसटी पटना तथा साइंस फॉर सोसाइटी जिला शाखा सुपौल के संयुक्त तत्वावधान में 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस 2023 का जिला स्तरीय परियोजना प्रस्तुतीकरण सह मूल्यांकन कार्यशाला का आयोजन मुख्य विषय स्वास्थ्य और कल्याण के लिए पारितंत्र को समझना विषय पर 14 अक्टूबर को राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस जिला शाखा सुपौल की उपाध्यक्ष नीलम कुमारी की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
कार्यक्रम का उदघाटन एडीजे रणविजय कुमार, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी समग्र शिक्षा अभियान प्रवीण कुमार, डॉ अमरेंद्र कुमार, एसिस्टेंट प्रोफेसर बीएसएस कॉलेज सुपौल, प्रधानाध्यपक टीसी उच्च माध्यमिक विद्यालय चकला निर्मली, जनार्दन मंडल, शिक्षाविद् निखिलेश कुमार सिंह, जिला समन्वयक राजीव कुमार, जिला शैक्षणिक समन्वयक जितेन्द्र कुमार आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। विद्यालय की छात्रा कशिश, नितिज्ञा, अनुष्का, खुशबू ने शिक्षक कुंदन सिंह के नेतृत्व में स्वागत गान तथा निखिल कुमार सिंह ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया।
मुख्य अतिथि एडीजे रणविजय कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि बच्चों को विज्ञान में अभिरुचि जगाने, परितंत्र को समझने के लिए जरूरी है कि हम अपने नैतिक जिम्मेदारियों को समझें। विज्ञान जहां हमें प्रयोग एवं अनुसंधानयुक्त तर्कपूर्ण ज्ञान की परंपरा को आगे बढ़ाने को प्रोत्साहित करता है। विज्ञान का विवेकपूर्ण उपयोग करने से मानवता के लिए वरदान साबित होगा। वहीं अविवेकपूर्ण उपयोग मानव जीवन के लिए काफी नुकसानदेह भी साबित हो सकता है। हमें अपने पारंपरिक ज्ञान प्रणाली को भी याद रखने की जरूरत है।
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी एसएसए सुपौल प्रवीण कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि बाल वैज्ञानिक रचनात्मक कार्यों, वैज्ञानिक सोच के द्वारा अपने परिवेश की समस्याओं का समाधान कर सकते हैं,जरूरी है बस वैज्ञानिक चेतना को जागृत करने की। राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का कार्यक्रम बच्चों को अपने किताबी ज्ञान से बाहर निकल कर अपने आसपास की समस्या को समझने का सुंदर अवसर प्रदान करता है।
शिक्षाविद् प्रो निखिलेश कुमार सिंह ने संबोधन में कहा कि अनुसंधान कार्य में लगन,संयम,वैज्ञानिक सोच इत्यादि का होना बहुत जरूरी है। कार्यक्रम को संचालित करते हुए जिला समन्वयक राजीव कुमार ने कहा कि बाल विज्ञान कांग्रेस एक अनोखा कार्यक्रम है। जिसमें 10 से 17 वर्ष आयु वर्ग के बच्चे अपनी आसपास की समस्याओं पर आधारित नवाचारी परियोजना रिपोर्ट तैयार कर सकते हैं। यह कार्यक्रम ज्ञानवर्धन के साथ-साथ जीवन कि हर चुनौतियों का वैज्ञानिक समाधान करने में सक्षम बनाता है। इससे समाज के हर वर्ग को लाभ मिलता है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य देश के कोने कोने से विज्ञान के प्रतिभाओं को तलाशना एवम तराशना है। अध्यक्षीय संबोधन में नीलम कुमारी ने कहा कि पारितंत्र को बेहतर ठंग से समझने के लिए बच्चों को प्रकृति की खुली वातावरण में सैर कराएं।तकनीकी सत्र में मूल्यांकनकर्ता नीलम कुमारी, डॉ अमरेंद्र कुमार, निखिल कुमार सिंह ने विभिन्न विद्यालयों से आए बच्चों के परियोजनाओं का मूल्यांकन किया गया। शहरी क्षेत्र से आरएसएम पब्लिक स्कूल से आर्या सिंह, कृतिका सिंह उच्च आयु वर्ग में तथा शिवम कुमार सिंह और शिवम राज, निम्न आयु वर्ग में तथा उच्च विद्यालय निर्मली का आर्यन राज और देवेंद्र कुमार यादव भी चयनित हुए। वहीं ग्रामीण क्षेत्र से उच्च माध्यमिक विद्यालय किशनपुर का दुर्गेश कुमार और मो अनिसुर्रहमान, तेजेंद्र उच्च माध्यमिक विद्यालय से श्रेया मुस्कान और अदिति झा, गांधी उच्च माध्यमिक विद्यालय राजपुर से आरती कुमारी और निर्जला कुमारी तथा जवाहर प्रेमलाल उच्च माध्यमिक विद्यालय बसहा से लक्ष्मण कुमार, नीतीश कुमार तथा उत्क्रमित उच्च विद्यालय बसबिट्टी से धीरेंद्र कुमार और लखन कुमार चयनित हुए।
वहीं तकनीकी सत्र के समापन पर संबोधित करते हुए जितेन्द्र कुमार, जिला शैक्षणिक समन्वयक सुपौल ने कहा कि एक अच्छी परियोजना बनाने के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हुए कहा कि परियोजना आस पास की समस्या पर आधारित, नवाचारी, वैज्ञानिक नियमों के अनुकूल, मापन करने योग्य तथा तय समय सीमा में पूरा करने वाला होना चाहिए। परियोजना मुख्य विषय तथा उप विषयों से सीधे जुड़ा होना चाहिए साथ ही उसमें प्रयुक्त आंकड़े प्रमाणिक होने चाहिए। 31वीं राज्य स्तरीय बाल वैज्ञानिक कांग्रेस 2023 का आयोजन 7 - 9 अक्टूबर को नॉर्थ ब्लॉक भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में आयोजित किया जाएगा जिसमें सभी चयनित बाल वैज्ञानिक परियोजना पंजी, लॉग बुक, पोस्टर, हिंदी और अंग्रेजी में सारांश , रजिस्ट्रेशन फॉर्म ए, रंगीन फोटो आदि लेकर जाना है। कार्यशाला के सफल संचालन में शंकर कुमार , श्रवण कुमार ने सहयोग किया।वहीं डॉ सुमिता,प्रसून कुमार सिंह, रंजीत कुमार पौद्दार, शिक्षक एवं शिक्षकों ने भी भाग लिया।

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