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कृषि देश की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार- डीएओ

:  त्याग और तपस्या का दूसरा नाम किसान है-ज़िला कृषि पदाधिकारी 

सुपौल। बिहार सरकार के कृषि विभाग के सौजन्य से त्रिवेणीगंज अनुमंडल मुख्यालय स्थित ई किसान भवन परिसर में बुधवार को प्रखंड स्तरीय रबी कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन जिला कृषि पदाधिकारी अजीत कुमार यादव,सहायक निदेशक रोहित रंजन, बीएओ अरविन्द कुमार रवि,प्रगतिशील किसान राजेंद्र यादव,श्रवण यादव के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम का संचालन बिहार राज्य किसान सलाहकार संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष डॉ अमन कुमार के द्वारा किया गया।किसानों को संबोधित करते हुए जिला कृषि पदाधिकारी अजीत कुमार यादव ने कहा की कृषि देश की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है। किसानों के किसानी पर ही देश विकसित राष्ट्र बनेगा। भारतीय किसान गरीब जरुर है लेकिन इनकी ईमानदारी और मेहनत को देश और दुनिया सलाम करती है। इसीलिए किसान का सम्मान राष्ट का सम्मान है। किसान को किसानी का नवीनतम गुर सीखना आवश्यक है। 

डीएओ श्री यादव ने कहा कि त्याग और तपस्या का दूसरा नाम किसान है । किसान धरती माता का सच्चा सपूत हैं।उसके लिए खेत ही मंदिर] मस्जिद और गुरुद्वारा हैं। वह जीवन भर मिट्टी से सोना उत्पन्न करने की तपस्या करता रहता हैं। प्रत्येक किसान परिवार को खाद्यान, आहार,चारा, ईंधन, रेशा और उर्वरक पर आत्मनिर्भर होना अतिआवश्यक हैं।इससे पौष्टिक आहार मिलने के साथ- साथ आर्थिक बोझ भी कम होंगे।जिस प्रकार मनुष्य व जानवरों को संतुलित आहार की आवश्यकता होती है । उसी प्रकार फसलों के लिए भी पोषक तत्वों की जरूरत होती है।यह पोषक तत्व उन्हें मिट्टी से मिलते हैं इसलिए बेहतर खेती के लिए मिट्टी जाँच अनिवार्य है। समेकित कृषि प्रणाली के लिए फसल के साथ मवेशी व मछली पालन,बागवानी और मेड़ पर व्रीक्षारोपन जरूरी है।सहायक निदेशक रोहित रंजन ने कहा की मृदा संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण और मानव स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से जैविक खेती काफी लाभदायक है। जैविक खेती से उत्पन्न खाद्य पदार्थ शुद्ध, स्वादिष्ट एवं पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसीलिए जैविक खेती अपनाओ- जीवन बचाओ मूल मंत्र को आत्मसात करने की आवश्यकता है।

प्रखंड कृषि पदाधिकारी अरविन्द कुमार अमर ने कहा की रासायनिक खाद और जहरीले कीटनाशक दवा इंसान के स्वास्थ] वातावरण और मिट्टी के लिए हानिकारक है! जैविक खेती से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ने के साथ-साथ फसलों का उत्पादन भी बढ़ता है। पर्यावरण भी दूषित नहीं होता है।कार्यक्रम में कृषि कर्मियों द्वारा कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना] किसान पुरस्कार कार्यक्रम योजना,राष्ट्रीय कृषि विकास योजना,किसान क्रेडिट कार्ड, फसल बीमा जैविक, कृषि यांत्रिकरण जैविक, मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार कार्यक्रम] बीज ग्राम योजना,मुख्यमंत्री तीव्र बागवानी विकास योजना,प्रमाणित बीज वितरण जैविक, जैविक खेती प्रोत्साहन कार्यक्रम आदि योजनाओं का विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। कार्यक्रम मे एटीएम पंकज कुमार,पंचायत समिति जय कुमार यादव,विमल कुमार यादव, मुकेश कुमार भारती,अरविन्द कुमार अमर एसी अरविन्द कुमार,रमेश कुमार रमन,केएस पप्पू कुमार,हेमंत कुमार,पवन कुमार ,योगेश कुमार सहित तमाम कृषि कर्मी व दर्जनों किसान शामिल थे।


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