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पिपरा : नियोजित शिक्षकों ने विभिन्न समस्याओं को लेकर दिया एक दिवसीय धरना, कहा- मांगे पूरा नहीं होने पर आंदोलन का किया जाएगा शंखनाद

सुपौल। पिपरा बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ प्रखंड इकाई पिपरा द्वारा नियोजित शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं को लेकर एक दिवसीय धरना प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय, पिपरा के समक्ष दिया धरना, जिसकी अध्यक्षता प्रखंड अध्यक्ष संजय कुमार ने किया आंदोलन में भारी संख्या में शिक्षक एवं शिक्षिकाएं मौजूद हुए धारणा को संबोधित करते हुए संजय कुमार ने कहा है कि सूबे के लाखों नियोजित प्रारंभिक, माध्यमिक,उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं पुस्तकालय अध्यक्ष को राज्य सरकार राज्यकर्मी में समायोजन करने में टाल-मटोल कर रही है। जिससे शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त है। साथ ही नव नियुक्त अध्यापक को भी विद्यालय आवंटित कर योगदान कराने के बजाय काउन्सलिंग समय से ही बेबजह परेशान किया जा रहा है। जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वितीय चरण के अध्यापक नियुक्ति के विज्ञापन से पहले पंचायती राज एवं नगर निकाय संस्थानों में कार्यरत सभी शिक्षक व पुस्तकालय अध्यक्ष को सरकारी कर्मी घोषित करें। वरना संपूर्ण बिहार राज्यभर में चरणबद्ध आंदोलन का शंखनाद किया जाएगा।


उन्होंने कहा कि वर्षों से कार्यरत नियोजित शिक्षकों को बिना शर्त राज्यकर्मी में समायोजन किया जाए । साथ ही सहायक शिक्षक मानते हुए वेतन व सारी सुविधाएं अविलम्ब घोषित किया जाए। नियोजित शिक्षको का लंबित ऐच्छिक स्थानांतरण की प्रक्रिया अविलम्ब प्रारंभ की जाए।प्रखंड सचिव वीरेंद्र कुमार भारती ने कहा कि सरकार द्वारा प्रोन्नति पर लगे रोक हटने के बाद भी वर्षों से लंबित नियोजित शिक्षकों का बेसिक ग्रेड में 08 वर्ष का कार्यपूर्ण को स्नातक ग्रेड में प्रोन्नति एवं स्नातक ग्रेड में 5 वर्ष का कार्य पूर्ण करने वाले को प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति अविलम्ब की जाए। बेसिक ग्रेड में 12 वर्ष कार्य पूर्ण करने वाले शिक्षकों को (स्नातक वेतन) वेतन उन्नयन कर कालवद्ध प्रोन्नति नियमावली के निहित प्रावधानों के तहत अविलम्ब की जाए। बेसिक ग्रेड के नियोजित शिक्षकों को स्नातक ग्रेड में प्रोन्नति करने के उपरांत ही द्वितीय चरण का अध्यापक (6-8) में नियुक्त प्रक्रिया प्रारंभ की जाए। मृत शिक्षक के आश्रितों को वर्षों से लंबित अनुकंपा पर नियुक्ति की प्रक्रिया अविलम्ब पूर्ण कराई जाए। डीएलएड एवं डीएलएड ओडीएल प्रशिक्षण में अनुत्तीर्ण शिक्षकों का परीक्षा नियमावली के तहत पूरक परीक्षा अविलम्ब ली जाए। साथ ही वैसे अप्रशिक्षित शिक्षकों को तत्काल वेतन भुगतान किया जाए।उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा सभी नियोजित शिक्षक एवं नव नियुक्त अध्यापकों के आवास भत्ता कटौती कर निजी एजेंसी को देकर आवास मुहैया कराने की कार्यप्रणाली दुर्भाग्यपूर्ण है। तत्काल रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा कि शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक को शिक्षक की सभी सुविधा मुहैया कराई जाए। नव नियुक्त अध्यापक को स्वैच्छिक जिला आवंटित कराई जाए तथा सहमति के आधार पर ही विद्यालय पदस्थापन की जाए।

नव नियुक्त अध्यापकों को नियुक्ति तिथि से ही वेतन भुगतान करने का प्रावधान सुनिश्चित की जाए। जो नियोजित शिक्षक अध्यापक बने हैं। उसका ऐच्छिक जिला एवं विद्यालय पदस्थापन करने की नीति निर्धारण की जाए। नियोजित शिक्षक से अध्यापक बनने वाले को वेतन संरक्षण एवं सेवा निरंतरता का लाभ हर हाल में दिया जाए। नियोजित शिक्षक से बने अध्यापक को परिवीक्षा अवधि से मुक्त रखा जाए। अध्यापक नियमावली 2023 के सभी प्रावधानों को विस्तार पूर्वक प्रकाशित कर लागू किया जाए। ताकि शिक्षक समस्या मुक्त हो सके। वेतन विसंगति को अविलम्ब दूर किया जाए। साथ ही जातिगणना कार्य का भुगतान किया जाए।

प्रखंड सचिव बीरेंद्र कुमार भारती एवं अध्यक्ष संजय कुमार ने संयुक्त रुप से कहा कि शिक्षकों की समस्याओं के समाधान तक संघर्ष जारी रहेगा। संघ का आन्दोलन सरकार को शिक्षकों की उचित माँगों की पूर्ति करने के लिए बाध्य करेगी। प्रदर्शन को मुख्य रूप से प्रखंड सचिव बीरेंद्र कुमार भारती,प्रखंड अध्यक्ष संजय कुमार,दीपक कुमार, चंदन कुमार, इम्तियाज अहमद, श्याम कुमार ठाकुर,बलराम मंडल आदि अनेक शिक्षकों ने सम्बोधित किया।

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