सुपौल। सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड क्षेत्र के भपटियाही पंचायत के वार्ड नंबर 07 में गुरुवार को विंदेश्वर अरगरिया की धर्मपत्नी 65 वर्षीय कौशल्या देवी के निधन के बाद मृत्युभोज पर पूर्ण प्रतिबंध को लेकर सामाजिक बैठक नवीन अड़गरिया के आवास पर आयोजित की गई। बैठक में प्रखंड क्षेत्र के जनप्रतिनिधि व ग्रामीण शामिल हुए। जिसमें सर्वसम्मति से मृत्युभोज नहीं करने का निर्णय लिया गया। बैठक में अपना विचार रखते हुए यादव महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह जिलाध्यक्ष डॉ अमन कुमार ने कहा कि अपने परिवार को खोने का दुःख और ऊपर से भारी-भरकम खर्च का कोई औचित्य नहीं है। मृत्यु भोज किसी भी प्रकार का कोई संस्कार नहीं है। इस कुप्रथा के कारण कई परिवार कर्ज में डूबकर बर्बाद हो गए हैं। इसका किसी भी धर्म ग्रंथ में उल्लेख नहीं है। इसलिए मृत्युभोज से सभी को परहेज करना चाहिए। डॉ कुमार ने कहा कि राजस्थान के तर्ज पर बिहार सरकार और भारत सरकार को कठोर कानून बनाना चाहिए। प्राचार्य रमेश प्रसाद यादव ने मृत्युभोज के जगह गरीब के बेटी की शादी कराने की जिम्मेदारी लें। समाज के लिए एम्बुलेंस, सार्वजनिक पुस्तकालय, धर्मशाला, विवाह भवन, गांव के बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल बस और स्वच्छ, सुंदर, खुशहाल समाज बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। गरीब के बच्चों को गोद लेकर उच्च शिक्षा दिलाने का कार्य करें। मध्यम और गरीबों परिवार परिजन के स्मृति में पौधे लगाने का कार्य करें। समाज के फैसले को कर्ता पुत्र नवीन कुमार अड़गरिया एवं उनके परिजन ने सहर्ष स्वीकार किया। बैठक में प्रखंड प्रखंड प्रमुख विजय कुमार यादव, मुखिया विजय यादव, सुभाष कुमार, विजय मंगरदैता, रमेश मुखिया, राम प्रसाद अरगरिया, कुलानंद अरगरिया, बेदानंद अड़गरिया, रामवतार, रमेश अड़गरिया, जय कृष्णा गोइत, सत्येंद्र मंगरदैता, अरविंद अड़गरिया, कुलानंद अड़गरिया, कामता प्रसाद यादव, योगेंद्र कुसियैत, महेश्वर गोइत, ब्रजकिशोर यादव, लक्ष्मण ठाकुर, अच्छे लाल यादव, राजबल्लभ मालाकार, शिबू विराजी, अनिल विराजी, विजय विराजी सहित दर्जनों ग्रामीण मौजूद थे।
सरायगढ़-भपटियाही : मृत्युभोज के बदले किसी गरीब की बेटी की शादी कराने का ले जिम्मेदारी : रमेश यादव
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