- रसूख इतना कि संवेदक नहीं सुन रहे जनप्रतिनिधियों की शिकायत, कुछ नौ बजे तक तो चंद 12 बजे तक छोड़ रहा प्रकाश का दामन
सुपौल। जिले के पंचायतों में टोले-मोहल्ले को रोशन करने के लिए सरकारी योजना राशि से की जा रही प्रकाश की व्यवस्था अनियमितता की भेंट चढ़ रही है। निम्न गुणस्तर की सामग्रियां लगाकर अवैध कमाई की ऐसी जुगत भिड़ाई गई है कि लगने के साथ ही खंभे पर अटकी कई सोलर लाइटें अपने होने भर का एहसास मात्र करा रही है। पंचायतों को वार्डवार सोलर लाइट लगाने के लिए संवेदक द्वारा संबंधित सामग्रियां आपूर्ति की गई है जिसके गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। जनप्रतिनिधियों द्वारा चिह्नित व संबंधित पदाधिकारियों के अनुमोदन के बाद कई स्थलों पर सोलर लाइटें लगाई गई है। लेकिन विडंबना है कि लगाए जाने के चंद दिन बाद ही कई जगह की लाईटें जली ही नहीं और अब शिकायत के बाद अब कोई सुनने वाला नहीं है। पंचायतों में सोलर लाइट योजना की अलग ही कहानी है। जानकार बताते हैं कि मामले में सिर्फ और सिर्फ बाबूओं की चलती है और जनप्रतिनिधि महज दस्तखती बने हैं। चहेते संवेदक को जरा सी दिक्कत पर बाबूओं की पेशानी पर बल पड़ने लगते हैं। मोबाइल की घंटी भनभनाती है और संबंधित जनप्रतिनिधि पर लाचारी के बादल मंडराने लगते हैं। बतौर उदाहरण, माधोपुर पंचायत में सोलेक्स कंपनी लिमिटेड के संवेदक ने कुल 40 सोलर स्ट्रीट लाइट लगाए हैं। जिनमें से दो लाइट लगने के बाद कभी जला हीं नहीं और जो जलता है वह भी 12 बजे रात तक रोशनी का दामन छोड़ देता है।
बताया गया कि मामले की शिकायत कई बार की गई, लेकिन शिकायत दूर करने की बात तो दूर किसी ने पूछा तक नहीं। जबकि मामले से अधिकांश संबंधित अधिकारी भी अवगत हुए। मिली जानकारी अनुसार कुछ यही हाल राजेश्वरी पूर्व, ठूठी, लक्ष्मीनिया, भीमपुर पंचायत आदि में लगाए गए सोलर स्ट्रीट लाइटों का भी है। बताया गया कि उक्त पंचायतों में जो लाइटें सायंकाल जलाई भी जाती है अधिकांश नौ बजे तक में निम्न गुणस्तर की करतब दिखाने लगती है। पंचायतों में लगाने के साथ ही कई जगहों से खराबी की शिकायत मिलने के बाद सूचना संवेदक तक पहुंचाई गई। लेकिन संवेदक ने रसूख का दम दिखाते हुए झांकने तक की जहमत नहीं उठाई। जिन वार्डों में लाईटें लगीं, वहां नहीं जलने पर आमजन शिकायतें लेकर मुखिया के दरवाजे पहुंचते हैं, अब भला मुखिया कैसे बताएं कि हमाम में कौन-कौन नंगे हैं। सो आश्वासन की घुट्टी उनके फितरत में शामिल होता है। इस बाबत पूछने पर बीपीआरओ देश कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। शिकायतों से कार्य एजेंसी को अवगत करा दिया गया है। शीघ्र समस्या को दूर किया जाएगा।


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