सुपौल। पौष पूर्णिमा के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कोशी नदी में आस्था की डुबकी लगायी। साथ ही नदी किनारे बने प्रतिमा की पूजा-अर्चना की। वहीं कोसी नदी से जल भरकर श्रद्धालु महिलाओं ने महुआ-मझारी चौक स्थित बाबा कौशिकीनाथ मंदिर में शिवलिंग पर जल चढ़ाया। बाबा कौशिकीनाथ मंदिर परिसर में 16 जनवरी से आठ दिवसीय कोसी कल्प महायज्ञ कलश यात्रा से शुभारंभ होकर गुरुवार को पौषि पूर्णिमा के अवसर पर विधि विधान से मंत्रोच्चारण के साथ सम्पन्न हुआ। पुराण के अनुसार पौष पूर्णिमा को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। सूर्य का मकर राशि में रहने के कारण वहां सभी देवी-देवताओं का वास होता है। शिव और पार्वती का विवाह भी इसी माह में हुआ था। पौराणिक मान्यता के अनुसार लक्ष्मी नारायण की पूजा कर वस्त्र में कंबल और तिल दान का इस दिन विशेष महत्व है। कड़ाके की ठंड के बावजूद यहां पर लगे मेले में आसपास के गांवों के लोगों की काफी भीड़ देखी गई। लोगों ने बताया कि कई वर्षों से बाबा कौशिकी नाथ मंदिर परिसर में मेला का आयोजन किया जाता है। जिसमे बड़ी संख्या में दिन भर स्थानीय लोगों की भीड़ पूजा अर्चना को लेकर लगी रहती है। वहीं मेला परिसर में भजन संकीर्तन एवं रामलीला का भी आयोजन किया गया। लोगों के मनोरंजन हेतु मेला में मीना बाजार, राम झूला, ब्रेक डांस, चाइल्ड ट्रेन सहित विभिन्न प्रकार के झूले एवं दुकानें लगायी गयी।
निर्मली : पौष पूर्णिमा के अवसर पर मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, कोशी नदी में लगाया आस्था की डुबकी
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