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CAA-NRC से मुसलमानों-हिन्दुओं को क्या फायदा-नुकसान होगा इसे छोड़ दीजिए, यह कानून संविधान की मूल भावनाओं के विपरीत है, इसलिए मैं 3 साल पहले भी इसके खिलाफ था, आज भी हूं और आगे भी रहूंगा : प्रशांत किशोर

पटना। जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने CAA पर पूछे गए सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि आज से 3 साल पहले CAA-NRC की चर्चा हुई, तब मैं नीतीश कुमार के साथ था और इसी मुद्दे पर नीतीश कुमार ने उस समय लोगों से, दल से, दल के साथियों से धोखा करके भाजपा के साथ मिलकर इस बिल को लाने में बिल के प्रावधान को देश में लागू कराने के पक्ष में वोट दिया था। तब मैंने खुलकर दल में रहते हुए विरोध किया, नीतीश कुमार के दल को छोड़ दिया। CAA की पूरी प्रक्रिया की परिकल्पना, अध्यादेश और इस कानून के विरोध में रहा हूं। मैं इस बिल के विरोध में इसलिए नहीं हूं कि इससे मुसलमानों का क्या होगा? हिंदुओं का क्या होगा? भाजपा क्या कह रही है? या कोई विपक्षी दल क्या कह रही है? मैं इस पूरे कानून के विरोध में इसलिए हूं क्योंकि ये संविधान के मूल भावना के विपरीत है। भारत के जो फाउंडिंग फादर है, जिन लोगों ने इस देश को बनाया, जिन लोगों ने संविधान को बनाया उन्होंने इस बात को तय किया कि जाति-धर्म के आधार पर किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा। जैसे ही नागरिकता को आप धर्म से जोड़ेंगे चाहे आपकी मंशा ठीक हो या खराब हो ये अलग बहस का मामला है लेकिन इस देश के संविधान बनाने वाले की मुल भावनाओं का अनादर किया जा रहा है। यही कारण है कि CAA के खिलाफ में कल भी था आज भी हूं और आगे भी रहूंगा। 

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