सुपौल। सुपौल रेलवे स्टेशन पर युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रेल सुविधाओं की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के सचिव लक्ष्मण कुमार झा के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने रेल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और काला बिल्ला लगाकर विरोध जताया। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने अपनी छह सूत्री मांगों को लेकर रेल अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा, जिसे हाजीपुर मंडल रेल प्रबंधक के पास भेजा गया।
मुख्य मांगों में गरीब रथ और राजरानी एक्सप्रेस को स्थायी रूप से बहाल किया जाए, साथ ही सुपौल, सरायगढ़ या ललित ग्राम से दिल्ली, बेंगलुरु, कोलकाता और मुंबई के लिए लंबी दूरी की ट्रेनों का संचालन शुरू किया जाए। सुपौल रेलवे स्टेशन के दक्षिणी छोर पर झखराही रेलवे ढाला पर ओवरब्रिज का शीघ्र निर्माण किया जाए, ताकि यात्रियों को सुगम आवागमन की सुविधा मिल सके।
बिना एकमा रेलवे स्टेशन के उत्तरी छोर पर स्थित लचका बस्ती में बसे महादलित परिवारों के लिए उचित आवास की व्यवस्था की जाए। बिना एकमा रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म की ऊंचाई बढ़ाई जाए, साथ ही स्टेशन चौक से लचका बस्ती होते हुए हरे राम यादव के घर तक सड़क निर्माण सुनिश्चित किया जाए। पुरवइया एक्सप्रेस, जनसाधारण एक्सप्रेस और हाटे बजारे एक्सप्रेस का संचालन सहरसा के बजाय सुपौल, सरायगढ़ या ललित ग्राम से किया जाए।
सहरसा-जोगबनी एक्सप्रेस का ठहराव गढ़ बरूआरी रेलवे स्टेशन पर किया जाए, ताकि स्थानीय यात्रियों को राहत मिल सके। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने सहरसा से सुपौल के बीच सुबह 9 बजे एक नई ट्रेन चलाने की मांग की, जिससे यात्रियों और सरकारी कर्मचारियों को राहत मिले। साथ ही, रात में सुपौल से सहरसा जाने वाली जनहित एक्सप्रेस को पुनः शुरू करने की मांग की।
युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव लक्ष्मण कुमार झा ने केंद्र सरकार और रेलवे प्रशासन पर सुपौल जिले की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इन मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो युवा कांग्रेस रेल चक्का जाम आंदोलन करेगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी रेल प्रशासन और केंद्र सरकार की होगी।
इस विरोध प्रदर्शन में सूरज कुमार, रोहित कुमार, मानो सदा, दिनेश सदा, दिगंबर सदा, संतोष पासवान, राजू कुमार, डिंपल यादव, बबीता कुमारी, गुंजन देवी, सुमन राम, सोहन शाह समेत सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा।
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