सुपौल। सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड अंतर्गत बिहारी गुरमैता उच्च माध्यमिक विद्यालय, भपटियाही के प्रांगण में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तत्वावधान में 21 मई से सुरक्षित तैराकी प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है। यह प्रशिक्षण आगामी 31 जुलाई तक चलेगा।
प्रखंड आपदा प्रबंधन पदाधिकारी (सीओ) धीरज कुमार ने बताया कि इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य कोसी नदी, नहर, पोखर और अन्य जल स्रोतों में बच्चों के डूबने की घटनाओं को रोकना है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से 6 से 18 वर्ष के बच्चों को यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे आपदा की स्थिति में खुद को और दूसरों को भी बचा सकें।
प्रशिक्षण के दौरान न केवल बच्चों को सुरक्षित तैराकी सिखाई जा रही है, बल्कि उन्हें आपदा के समय सही जीवनशैली और प्राथमिक सुरक्षा उपायों की जानकारी भी दी जा रही है। सीओ ने यह भी बताया कि प्रशिक्षित बच्चे अपने गांव और टोले के अन्य बच्चों को भी तैराकी सिखाएंगे, जिससे पूरे समुदाय में जागरूकता और सुरक्षा की भावना विकसित होगी।
जिला आपदा मास्टर ट्रेनर विद्यासागर यादव, गोविंद कुमार यादव, किशुनदेव यादव, मनोज कुमार शर्मा, रामसागर राम और अनिल कुमार राम ने संयुक्त रूप से बताया कि दो शिफ्टों में प्रतिदिन दो-दो घंटे का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कुल 72 दिनों की अवधि में 420 बच्चों को सुरक्षित तैराकी का प्रशिक्षण दिया जाएगा। फिलहाल पहले चरण में 70 बच्चों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से अत्यंत सराहनीय है और आने वाले समय में इससे डूबने की घटनाओं में निश्चित रूप से कमी आएगी।
कोई टिप्पणी नहीं