सुपौल। जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर द्वारा बिहार सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ शुरू किए गए हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत 18 मई को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र कल्याणबिगहा से की गई। इसी कड़ी में रविवार को सुपौल जिला इकाई ने स्थानीय कार्यालय में प्रेसवार्ता कर इस अभियान का शुभारंभ किया।
प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए जन सुराज पार्टी के सुपौल जिला अध्यक्ष इंद्रदेव साह ने कहा कि यह हस्ताक्षर अभियान बिहार बदलाव की दिशा में एक जनआंदोलन है। हम सुपौलवासियों से अपील करते हैं कि लालू, नीतीश और मोदी द्वारा किए गए वादाखिलाफी और भ्रष्टाचार के खिलाफ इस अभियान से जुड़ें।
पार्टी के जिला महासचिव नरेश झा ने जातीय जनगणना का मुद्दा उठाते हुए सवाल किया कि 2023 की जातीय जनगणना में 94 लाख गरीब परिवारों की पहचान की गई थी। उन्हें 2-2 लाख रुपये की सहायता राशि कब मिलेगी?
वहीं, जिला महिला अध्यक्ष डॉ. नीलम सिंह ने सरकार को घेरते हुए कहा कि राज्य सरकार ने 50 लाख भूमिहीन दलित और अतिपिछड़ा परिवारों को 3 डिसमिल जमीन देने का वादा किया था। अब तक वह वादा अधूरा क्यों है?
जिला प्रभारी केशव भंडारी ने भूमि संबंधी समस्याओं की ओर इशारा करते हुए कहा, "भूमि सर्वे के नाम पर वंशावली बनाना, रसीद काटना और दाखिल-खारिज की प्रक्रिया में मची लूट आखिर कब रुकेगी?"
प्रेसवार्ता में जिला उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह, जिला कार्यालय प्रभारी डॉ. अमन कुमार, जिला संयोजक ब्रजेश कुमार बैजू और अनुमंडल संयोजक उमेश कुमार ठाकुर सहित कई पदाधिकारी उपस्थित रहे।
जन सुराज पार्टी ने स्पष्ट किया कि यह अभियान सिर्फ दस्तखत तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह जनता की आवाज़ को सत्ता के गलियारों तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम बनेगा।
कोई टिप्पणी नहीं