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त्रिवेणीगंज : कब्रिस्तान की जमीन को लेकर दो समुदायों में विवाद, गांव में तनाव, पुलिस बल तैनात


सुपौल। त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के गोनहा पंचायत अंतर्गत पुरनदहा वार्ड-15 में बुधवार सुबह करीब 9 बजे कब्रिस्तान की जमीन को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद ने तनावपूर्ण स्थिति पैदा कर दी। एक पक्ष द्वारा जमीन को पैतृक संपत्ति बताकर ट्रैक्टर से जुताई शुरू किए जाने पर, दूसरे पक्ष – अल्पसंख्यक समुदाय – ने उसे सौ साल पुराना कब्रिस्तान बताते हुए कड़ा विरोध दर्ज किया।

जानकारी के अनुसार, पूर्व मुखिया विकास कुमार उर्फ सुबोध साह, नुनु सरदार, चंदेश्वरी सरदार, जंगल सरदार समेत लगभग 30-35 अज्ञात लोग खाता संख्या 195, खेसरा संख्या 1773, रकबा 1 बीघा 15 कट्ठा 5 धुर जमीन को अपनी पैतृक संपत्ति बताते हुए जुताई कर रहे थे। उनका दावा है कि इस जमीन की लगान रसीद उनके पूर्वजों के नाम पर है।

वहीं, अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का कहना है कि यह जमीन दशकों से कब्रिस्तान के रूप में प्रयोग में लाई जा रही है, और हाल ही में 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत इसकी घेराबंदी का कार्य भी शुरू हुआ था। जब बुधवार की सुबह ट्रैक्टर से जमीन जोती जाने लगी, तो स्थानीय लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर विरोध करने लगे, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। मौके से जुताई कर रहे लोग भाग निकले।

घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया। एसडीएम अभिषेक कुमार, एसडीपीओ विपिन कुमार, थानाध्यक्ष रामसेवक रावत, सीओ प्रियंका सिंह और अपर थानाध्यक्ष राहुल कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की गई और शांति बनाए रखने की अपील की गई। सावधानी के तौर पर मजिस्ट्रेट और पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है।

एसडीएम अभिषेक कुमार ने कहा कि दोनों पक्षों के दावों की जांच की जा रही है और संवेदनशीलता को देखते हुए अभी कोई आधिकारिक निर्णय नहीं दिया गया है। थानाध्यक्ष रामसेवक रावत ने बताया कि पुरनदहा निवासी मोहम्मद हमीद के आवेदन पर पूर्व मुखिया सहित चार नामजद और 30-35 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

घटना के बाद अल्पसंख्यक समुदाय में गंभीर आक्रोश और तनाव व्याप्त है। उनका कहना है कि यह न केवल धार्मिक स्थल है, बल्कि उनकी आस्था और परंपरा से जुड़ा हुआ स्थान भी है। ग्रामीणों ने बताया कि इस जमीन पर कई पीढ़ियों से शवों का दफन किया जाता रहा है।

प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की अफवाह या भड़काऊ संदेश से दूर रहने की अपील की है। मामले की जांच के बाद ही कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

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