सुपौल। त्रिवेणीगंज प्रखंड के परसागढ़ी उत्तर पंचायत सीमा क्षेत्र में रविवार को ऋणग्रस्त परिवारों की समस्याओं को लेकर एक जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन लोरिक विचार मंच के तत्वावधान में हुआ, जिसमें सैकड़ों की संख्या में महिला-पुरुष उपस्थित होकर मंच से अपनी आर्थिक और मानसिक पीड़ा साझा की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता लोरिक विचार मंच के प्रदेश संयोजक डॉ. अमन कुमार ने की। उन्होंने कहा कि माइक्रो फाइनेंस कंपनियों से लिए गए समूह ऋण (ग्रुप लोन) के कारण हजारों परिवार गंभीर संकट से गुजर रहे हैं। वसूली एजेंटों की लगातार प्रताड़ना ने लोगों को मानसिक तनाव में डाल दिया है। कई मामलों में लोग अवसाद और आत्महत्या की स्थिति तक पहुंच चुके हैं।
डॉ. अमन कुमार ने कहा, "जब देश के बड़े-बड़े उद्योगपतियों जैसे विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी का अरबों रुपये का कर्ज माफ किया जा सकता है, तो गरीब किसानों, महिलाओं और छात्रों का लोन क्यों नहीं माफ हो सकता?" उन्होंने लोन माफी के लिए केंद्र और राज्य सरकार से ठोस पहल की मांग की और कहा कि यह केवल आर्थिक नहीं बल्कि सामाजिक न्याय का सवाल है।
जनसंवाद में लोगों ने बताया कि वसूली एजेंट घर-घर जाकर दबाव बनाते हैं, जिससे महिलाएं और बच्चे भी डर के साये में जी रहे हैं। कई लोगों ने मंच से अपनी निजी कहानियां साझा कीं, जिनमें बीमारी, बेरोजगारी और लाचारी का मार्मिक चित्र सामने आया।
मौके पर डॉ. हरखू मंडल, रामविलास यादव, जय कृष्ण मुखिया, चन्दन कुमार, कार्तिक शर्मा, अशोक ऋषिदेव, विष्णुदेव कुमार, राजीव कुमार, छोटू कुमार शर्मा, सनोज राम, प्रमोद राम, मनोज राम, रविन्द्र ऋषिदेव, कंचन देवी, सरिता देवी, प्रियंका देवी, पूजा देवी, रिंकी देवी, अनिला देवी, मीरा देवी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे।
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