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बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम ने दिया भरोसा, राम प्रसाद मेहता को मिला न्याय


सुपौल। बिहार में सुशासन और जवाबदेही के प्रतीक बने बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत एक बार फिर आमजन को न्याय मिलने की मिसाल सामने आई है। सुपौल जिले के बीरपुर प्रखंड अंतर्गत बलभद्रपुर गांव के निवासी राम प्रसाद मेहता को महीनों से लंबित पारिवारिक सूची प्रमाण-पत्र महज कुछ दिनों में प्राप्त हो गया वो भी बिना किसी परेशानी और कार्यालय के चक्कर लगाए।

राम प्रसाद मेहता अपने पुत्र की मृत्यु के उपरांत पारिवारिक सूची बनाने के लिए कई महीनों से बसंतपुर अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रहे थे, लेकिन समाधान नहीं हो पा रहा था। थक-हार कर उन्होंने दिनांक 18 जून 2025 को अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, बीरपुर के समक्ष परिवाद संख्या- 506410218062505425 के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई।

शिकायत मिलते ही संबंधित कार्यालय ने तत्परता दिखाई और लोक प्राधिकार-सह-अंचलाधिकारी, बसंतपुर को आवश्यक निर्देश भेजे। इसके फलस्वरूप 2 जुलाई 2025 को राम प्रसाद मेहता का पारिवारिक सूची प्रमाण-पत्र निर्गत कर दिया गया, जिसकी पुष्टि 14 जुलाई 2025 को अंचल कार्यालय द्वारा की गई।

राम प्रसाद मेहता ने कहा कि जो कार्य महीनों से अटका हुआ था, वह कुछ ही दिनों में पूरे विधिसम्मत तरीके से बिना किसी परेशानी के हो गया। यह अधिनियम हम जैसे आम नागरिकों के लिए एक वरदान है, जो न केवल अधिकार देता है, बल्कि सरकार को जवाबदेह भी बनाता है।

गौरतलब है कि 5 जून 2016 को लागू हुए इस अधिनियम के तहत अब तक 17 लाख से अधिक मामलों का सफल समाधान किया जा चुका है। इस अधिनियम के अंतर्गत शिकायतकर्ता और संबंधित पदाधिकारी को आमने-सामने बैठाकर 60 कार्यदिवस के भीतर समाधान सुनिश्चित किया जाता है।

शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया भी अत्यंत सरल है — आमजन https://lokshikayat.bihar.gov.in/ पर ऑनलाइन, 'जन समाधान' मोबाइल ऐप या टोल फ्री नंबर 1800-345-6284 पर कॉल करके भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम आम नागरिकों का एक मजबूत हथियार बनता जा रहा है, जो शासन को पारदर्शी और जनमुखी बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है।

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