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दशरथ मांझी कौशल विकास योजना के तहत 40 प्रशिक्षुओं को मिला रोजगार का अवसर – सर्टिफिकेट एवं ऑफर लेटर का किया गया वितरण


पटना। बिहार सरकार के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग की अधीनस्थ संस्था बिहार महादलित विकास मिशन द्वारा संचालित दशरथ मांझी कौशल विकास योजना के अंतर्गत 40 प्रशिक्षुओं को कोर्स पूर्ण होने पर सर्टिफिकेट एवं दस प्रशिक्षुओं को प्रतिष्ठित कंपनियों में रोजगार के लिए नियुक्ति पत्र भी प्रदान किए गए। यह प्रशिक्षण आईसेक्ट लिमिटेड (AISECT) के माध्यम से डोमेन स्किलिंग श्रेणी में दिया गया था, जिसमें रोजगारोन्मुखी विषयों पर विशेष फोकस किया गया।

कार्यक्रम के दौरान अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के उप निदेशक (मुख्यालय) श्री राणा वैद्यनाथ कुमार सिंह, क्षेत्रीय उप निदेशक (कल्याण) पटना प्रमंडल श्री प्रमोद कुमार, तथा जिला कल्याण पदाधिकारी सह जिला परियोजना पदाधिकारी, पटना श्री संजीव कुमार रत्न ने प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र और ऑफर लेटर प्रदान किए। अधिकारियों ने उपस्थित सभी प्रतिभागियों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं और उन्हें अपने कौशल का उपयोग कर समाज एवं राज्य के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित किया।

इस अवसर पर आईसेक्ट लिमिटेड के जोनल हेड श्री अम्बरीष कुमार ने कहा कि हमारा प्रयास केवल तकनीकी प्रशिक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि हम युवाओं में आत्मविश्वास, संवाद कौशल और कार्यस्थल की आवश्यकताओं के अनुरूप व्यवहारिक क्षमता विकसित करने पर भी ध्यान देते हैं। हमें गर्व है कि हमारे प्रशिक्षु अब देशभर की विभिन्न कंपनियों में अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए तैयार हैं।

इस अवसर पर प्रशिक्षुओं ने अधिकारियों के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस प्रशिक्षण ने उन्हें नई तकनीकों को सीखने और अपनी क्षमता पर विश्वास करने का अवसर दिया। आज ऑफर लेटर पाकर लगता है कि हमारी मेहनत रंग लाई है। हम चाहते हैं कि हमारे गाँव के और भी युवा इस योजना का लाभ उठाएं।

दशरथ मांझी कौशल विकास योजना का उद्देश्य राज्य के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं को आधुनिक एवं रोजगारपरक कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत विभिन्न मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से युवाओं को निशुल्क प्रशिक्षण, प्लेसमेंट सहायता और करियर मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जाता है।

कार्यक्रम के अंत में विभागीय अधिकारियों ने सभी प्रशिक्षुओं से अपने कौशल को निरंतर अपडेट करने, मेहनत और ईमानदारी के साथ कार्य करने और अन्य युवाओं को भी कौशल विकास योजनाओं से जुड़ने के लिए प्रेरित करने का आग्रह किया।




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