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सुपौल इंजीनियरिंग कॉलेज में राष्ट्रीय कार्यशाला के तीसरे दिन शोध और तकनीकी ज्ञान का हुआ आदान-प्रदान


सुपौल। सुपौल इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित सप्ताहीय राष्ट्रीय कार्यशाला “इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ एवं सर्किट्स में उभरते अनुप्रयोग” के तीसरे दिन प्रतिभागियों ने अत्याधुनिक शोध और तकनीकी जानकारियों का लाभ उठाया। यह कार्यशाला बिहार काउंसिल ऑन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (BCST) के सहयोग से आयोजित की जा रही है।

पहले सत्र में डॉ. राहुल कुमार दास (स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क, बफ़ेलो, USA) ने “सेमीकंडक्टर नैनोमटेरियल्स का उपयोग कर न्यूरोटॉक्सिन डिटेक्शन” विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि नैनोस्तर पर विकसित डिवाइस मानव स्वास्थ्य सुरक्षा और पर्यावरण निगरानी में उपयोगी हो सकते हैं।

इसके बाद डॉ. कुनाल सिंह (NIT जमशेदपुर) ने “वीएलएसआई डिवाइस और सर्किट में नवीनतम विकास” विषय पर विचार रखे। उन्होंने छात्रों को जटिल सर्किट की भौतिकी समझने और शोध की नई संभावनाओं से अवगत कराया।

तीसरे सत्र में डॉ. चंदन कुमार (सहायक प्राध्यापक, ECE एवं डीन अकादमिक्स, SCE सुपौल) ने “सिमुलेशन यूजिंग MATLAB” पर तकनीकी व्याख्यान प्रस्तुत किया और MATLAB के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस सिमुलेशन की बारीकियों को समझाया।

 रवि रंजन (विभागाध्यक्ष, ECE, SCE सुपौल) ने “सर्किट सिमुलेशन और डिज़ाइन” विषय पर विस्तृत व्याख्यान दिया और विद्यार्थियों को इलेक्ट्रॉनिक सर्किट डिज़ाइन के व्यावहारिक महत्व से अवगत कराया।

दिन के समापन पर प्राचार्य डॉ. अच्युतानंद मिश्रा ने कहा कि इस कार्यशाला से छात्रों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों से संवाद का अवसर मिल रहा है, जो उनके शोध और नवाचार की दिशा में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने सभी वक्ताओं के योगदान की सराहना की और छात्रों को सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया।


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