सुपौल। समाहरणालय परिसर स्थित लहटन चौधरी सभागार में शनिवार को जिलाधिकारी सावन कुमार की अध्यक्षता में सातवीं लघु सिंचाई गणना एवं द्वितीय जल निकाय गणना (संदर्भ वर्ष 2023-24) के सफल क्रियान्वयन हेतु एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्त्ता, कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता लोक स्वास्थ्य प्रमंडल सहित प्रखंड स्तर के सांख्यिकी पदाधिकारी उपस्थित थे।
जिलाधिकारी के संबोधन के बाद जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने गणना कार्य की आवश्यकता, महत्व एवं क्रियान्वयन पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के अधीन जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग द्वारा प्रत्येक पांच वर्ष के अंतराल पर लघु सिंचाई गणना कराई जाती है। इसकी शुरुआत वर्ष 1986-87 में हुई थी।
इस बार सातवीं लघु सिंचाई गणना के अंतर्गत जून 2024 से पहले जिला के ग्रामीण क्षेत्रों के सभी राजस्व ग्रामों में कुआं (Dugwell) एवं नलकूप (Tubewell) जैसे लघु सिंचाई साधनों की गणना की जाएगी। साथ ही द्वितीय जल निकाय गणना के अंतर्गत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में तालाबों की संख्या दर्ज की जाएगी।
विशेष बात यह है कि दोनों गणना कार्य मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से डिजिटल रूप में किए जाएंगे। इसके लिए जिले में कुल 86 प्रगणक एवं 17 पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं, जो 542 राजस्व ग्राम एवं 108 शहरी वार्डों में सर्वेक्षण का कार्य संपन्न कराएंगे।


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