सुपौल। सुपौल इंजीनियरिंग कॉलेज में चल रही सप्ताहीय राष्ट्रीय कार्यशाला “इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ एवं सर्किट्स में उभरते अनुप्रयोग” का चौथा दिन शोध और नवाचार को समर्पित रहा। दिनभर चले सत्रों में देशभर से आए वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स की चुनौतियों और संभावनाओं से अवगत कराया। यह कार्यशाला बिहार काउंसिल ऑन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (BCST) के सहयोग से आयोजित हो रही है।
दिन की शुरुआत डॉ. चन्दन कुमार (सहायक प्राध्यापक, ईसीई एवं डीन अकादमिक्स, SCE सुपौल) के “गैस सेंसिंग एप्लिकेशंस” पर व्याख्यान से हुई। इसके बाद डॉ. दीपक कुमार जारवाल (PDEU गांधीनगर) ने “पेरोव्स्काइट सोलर सेल्स” की उपयोगिता बताते हुए इसे भविष्य की ऊर्जा का बेहतर विकल्प करार दिया।
तीसरे सत्र में श्री नवीन कुमार (सहायक प्राध्यापक, SCE सुपौल) ने विद्यार्थियों को “प्रोटियस सॉफ्टवेयर द्वारा सर्किट सिमुलेशन” का प्रशिक्षण दिया। वहीं अंतिम सत्र में डॉ. प्रमोद कुमार तिवारी (IIT पटना) ने “नैनोस्केल टेक्नोलॉजी” पर व्याख्यान देते हुए बताया कि नैनो-इलेक्ट्रॉनिक्स स्वास्थ्य, ऊर्जा और संचार क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।

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