सुपौल। सड़क सुरक्षा एवं मानव जीवन की रक्षा के उद्देश्य से राज्य परिवहन आयुक्त सह प्रभारी पदाधिकारी, लीड एजेंसी, बिहार सड़क सुरक्षा परिषद, पटना के निर्देशानुसार आज शनिवार को सुपौल जिला में “राहवीरों के अधिकारों के संरक्षण से संबंधित प्रावधानों” पर जिला स्तरीय कार्यशाला एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह प्रशिक्षण अपराह्न 1:00 बजे गूगल मीट के माध्यम से संपन्न हुआ, जिसमें जिले के न्यायिक, प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक व कर्मी शामिल हुए।
कार्यक्रम के दौरान जिला परिवहन पदाधिकारी डॉ. संजीव कुमार सज्जन ने बताया कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार और बिहार परिवहन विभाग द्वारा “राहवीर योजना” लागू की गई है। इस योजना के तहत यदि कोई व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल को गोल्डन आवर के भीतर अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाता है, तो उसे ₹25,000 की प्रोत्साहन राशि एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। यह योजना 21 अप्रैल 2025 से पूरे राज्य में प्रभावी है।
प्रशिक्षण में बताया गया कि भारत सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु के मामलों में शीर्ष देशों में शामिल है, जबकि समय पर उपचार मिलने से लगभग 50% मौतें टाली जा सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में “गुड सेमरीटियन” (Good Samaritan) के संरक्षण के लिए दिशा-निर्देश जारी किए, जिन्हें 2019 में मोटर वाहन संशोधन अधिनियम में शामिल किया गया। मददगार व्यक्ति से पुलिस या अस्पताल उसका नाम-पता बताने के लिए बाध्य नहीं कर सकते।
किसी को जबरन गवाह नहीं बनाया जा सकता। यदि गवाह बनना चाहे तो उसका बयान एक ही सत्र में उसकी सुविधा अनुसार दर्ज होगा। न्यायिक अधिकारियों को भी ऐसे नेक व्यक्तियों को अनावश्यक रूप से समन नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं।
सभी सरकारी एवं निजी अस्पतालों को दुर्घटना पीड़ितों को बिना विलंब निःशुल्क प्राथमिक उपचार देना होगा। किसी मददगार को हिरासत में नहीं लिया जा सकता और न ही उससे इलाज का खर्च मांगा जाएगा। साथ ही, अस्पतालों को प्रवेश द्वार पर हिंदी, अंग्रेजी और स्थानीय भाषा में “गुड सेमरीटियन अधिकार चार्टर” प्रदर्शित करना अनिवार्य है। पुलिस अधिकारियों को भी मददगारों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करने और अनावश्यक पूछताछ से बचने का निर्देश दिया गया है।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम जिला प्रशासन सुपौल के फेसबुक पेज पर लाइव प्रसारित किया गया, जिससे आमजन को भी सड़क सुरक्षा और राहवीर योजना की विस्तृत जानकारी उपलब्ध हो सकी।
जिला परिवहन पदाधिकारी डॉ. सज्जन ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि सड़क दुर्घटना पीड़ितों को समय पर मदद मिले और अधिक से अधिक लोग “राहवीर” बनकर समाज में मानवता की मिसाल पेश करें।
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