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शिक्षा विभाग की मासिक समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने दी कई सख्त हिदायतें




सुपौल। जिलाधिकारी सावन कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को शिक्षा विभाग की मासिक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में उप विकास आयुक्त, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना एवं मध्याह्न भोजन योजना), सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सहित शिक्षा विभाग के विभिन्न संभागों के कर्मी मौजूद रहे। बैठक में पिछले समीक्षा बैठक के निर्देशों के आलोक में सभी संभागों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।

बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने कई बिंदुओं पर गंभीर नाराजगी जताई और अधिकारियों एवं शिक्षकों को सख्त हिदायतें दीं।

जिलाधिकारी ने बताया कि 2 सितंबर 2025 को कुल 985 शिक्षकों ने ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं की। उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसे सभी शिक्षकों का एक दिन का वेतन स्थगित रखा जाए।

यदि कोई शिक्षक सरकारी कार्य या प्रशिक्षण पर प्रतिनियुक्त नहीं है और फिर भी विद्यालय से अनुपस्थित रहा, तो उसे चिन्हित कर निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।

बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने विद्यालय अनुश्रवण से संबंधित जानकारी मांगी। इस दौरान प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, त्रिवेणीगंज स्पष्ट जानकारी देने में असफल रहे, जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि भोजनावकाश के बाद बच्चों की उपस्थिति बहुत कम हो जाती है, इसे सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ठोस कदम उठाएं।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जिन कस्तुरबा विद्यालयों में अब तक नामांकन पूर्ण नहीं हुआ है, वहां अगले एक सप्ताह के भीतर विशेष अभियान चलाकर नामांकन पूरा किया जाए और बच्चों के ठहराव को भी सुनिश्चित किया जाए।

जिलाधिकारी ने बताया कि सभी विद्यालयों को प्रति विद्यालय ₹50,000 की राशि अनुरक्षण एवं मरम्मति के लिए उपलब्ध कराई गई है।

प्रधानाध्यापक को निर्देश दिया गया कि इस राशि का प्राथमिकता से उपयोग बिजली, पानी, शौचालय मरम्मति एवं रैम्प निर्माण में किया जाए। यदि बिना इन कार्यों को पूरा किए राशि निकाली गई, तो संबंधित प्रधानाध्यापक जिम्मेदार माने जाएंगे।

साथ ही 15 दिनों बाद उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में राशि व्यय का अनुश्रवण किया जाएगा। बैठक में खुलासा हुआ कि वर्तमान में 10,563 छात्र-छात्राओं का डीबीटी अवरुद्ध है।

इस पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी 3 दिनों के भीतर प्रधानाध्यापकों की बैठक कराएं और सभी बच्चों का डीबीटी सुनिश्चित कराएं। यदि कोई योग्य छात्र योजना से वंचित रहता है तो उसके लिए प्रधानाध्यापक जिम्मेदार होंगे।

जिलाधिकारी ने मध्याह्न भोजन योजना (MDM) की समीक्षा करते हुए कहा कि रसोईघर और विद्यालय परिसर की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए।

वर्षा ऋतु में जलजमाव, मच्छर और सर्पदंश का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में प्रधानाध्यापक को विद्यालय अवधि के पूर्व अथवा बाद में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव और सफाई कार्य सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।

जिलाधिकारी ने कहा कि यदि किसी विद्यालय में खाद्यान मानक से कम या बोरे में कम चावल मिलता है तो उसकी तत्काल सूचना जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय को दी जाए। असैनिक संभाग के अनुश्रवण में जिलाधिकारी ने कई निर्माण कार्यों की लंबे समय से बंद स्थिति और खराब गुणवत्ता पर नाराजगी व्यक्त की।

इस दौरान उप प्रबंधक तकनीकी ने बताया कि उनका हाल में ही पदस्थापन हुआ है और इससे पहले यह कार्य सहायक अभियंता मो० इसरारूल हसन देख रहे थे। जिलाधिकारी ने उनकी अनुपस्थिति और असंतोषजनक प्रगति के कारण सहायक अभियंता के विरुद्ध विभाग को कार्रवाई हेतु प्रतिवेदन भेजने का निर्देश दिया।

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