सुपौल। बसंतपुर प्रखंड के परमानंदपुर पंचायत अंतर्गत रानीपट्टी स्थित किसान भूषण भिखारी मेहता के फार्म हाउस हिमालय हर्बल एरोमेटिक ऑर्गेनिक फार्मिंग सेंटर पर बुधवार को मधेपुरा जिले से आए 45 किसानों का दल पहुंचा। आत्मा कार्यालय मधेपुरा की पहल पर आए इन किसानों को जैविक खेती, औषधीय खेती और वर्मी कम्पोस्ट निर्माण की विस्तृत जानकारी दी गई।
किसान भूषण भिखारी मेहता ने किसानों को बताया कि जैविक खेती के लिए वर्मी कम्पोस्ट अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने वर्मी कम्पोस्ट बनाने की विधि समझाते हुए कहा कि इसमें गोबर और जलकुंभी का तीन परतों में उपयोग करना होता है। वर्मी पीट की गहराई डेढ़ फीट और चौड़ाई तीन फीट होनी चाहिए, जिससे अंदर की परतों को आसानी से उलट-पलट किया जा सके। उन्होंने बताया कि लंबाई इच्छानुसार रखी जा सकती है। इसके अलावा, किसानों को औषधीय खेती की तकनीक की भी जानकारी दी गई।
इस मौके पर आत्मा के उप परियोजना निदेशक रंजीत कुमार ने कहा कि आत्मा योजना के अंतर्गत मधेपुरा जिले से किसानों की टीम यहां आई है। उन्होंने बताया कि रासायनिक खाद के अंधाधुंध प्रयोग से खेत बंजर हो रहे हैं, जबकि खेतों की उर्वरता बनाए रखने का सबसे बेहतर विकल्प जैविक खेती है। यही कारण है कि किसानों को ऑर्गेनिक खेती की दिशा में जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल किसानों ने वर्मी कम्पोस्ट निर्माण की तकनीक को नजदीक से देखा और जैविक खेती को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ने का संकल्प लिया।
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