सुपौल। जिला परिवहन पदाधिकारी ने जिले के सभी वाहन विक्रेताओं को स्पष्ट निर्देश दिया है कि बिना वैध पंजीकरण प्रमाणपत्र (अस्थायी अथवा स्थायी RC) के किसी भी वाहन का विक्रय या हस्तांतरण नहीं किया जाए।
उन्होंने कहा कि मोटरयान अधिनियम, 1988 की धारा 39, 192 और 207 के तहत बिना पंजीकरण वाहन का उपयोग, बिक्री या हस्तांतरण पूर्णतः अवैध और दंडनीय अपराध है। हाल के दिनों में यह सूचना प्राप्त हुई है कि कुछ विक्रेता बिना पंजीकरण कराए ही वाहन बेच रहे हैं, जिससे सरकार के राजस्व को हानि हो रही है और सड़क सुरक्षा पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा है।
परिवहन पदाधिकारी ने बताया कि अधिनियम की धारा 39 के अनुसार बिना पंजीकरण कोई वाहन सार्वजनिक स्थान पर नहीं चल सकता। वहीं धारा 192 में जुर्माना और कारावास का प्रावधान है और धारा 207 के तहत बिना पंजीकरण वाहनों को जब्त करने का अधिकार परिवहन और पुलिस विभाग को है।
सभी विक्रेताओं को यह भी निर्देश दिया गया है कि जिन वाहनों का पंजीकरण लंबित है, उनका शीघ्र निष्पादन सुनिश्चित करें तथा प्रत्येक माह की अंतिम तिथि तक अपने लंबित आवेदनों का प्रतिवेदन जिला परिवहन कार्यालय को उपलब्ध कराएँ।
परिवहन विभाग ने चेतावनी दी है कि भविष्य में किसी भी प्रतिष्ठान द्वारा लापरवाही पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामलों में न केवल अधिनियम की धाराओं के तहत दंडात्मक कार्रवाई होगी बल्कि संबंधित डीलरशिप लाइसेंस रद्द करने की अनुशंसा भी की जाएगी।
जिला परिवहन पदाधिकारी ने आम नागरिकों से भी अपील की कि वे बिना पंजीकरण वाले वाहन न खरीदें और न ही सड़क पर चलाएँ। यह न केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि उनकी और दूसरों की सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा है।
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