सुपौल। सुपौल इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला “उभरती हुई तकनीकें: पायथन” का शनिवार को सफल समापन हुआ। कोडिंग क्लब और सीएसई विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यशाला में राज्य भर के प्रतिष्ठित संस्थानों से आए विशेषज्ञों ने मशीन लर्निंग, वास्तविक जीवन परियोजनाएँ और नई तकनीकों पर अपने विचार साझा किए।
अंतिम दिन की शुरुआत डीसीई दरभंगा के अजीत कुमार गुप्ता के व्याख्यान से हुई, जिसमें उन्होंने मशीन लर्निंग एल्गोरिदम और इसके अनुप्रयोगों पर विस्तार से चर्चा की। इसके बाद गौरव कुमार और श्री आभार कुमार ने वास्तविक जीवन की परियोजनाओं और उनके अनुप्रयोगों पर छात्रों का मार्गदर्शन किया। वहीं सुनील कुमार साहू, सुनील कुमार सुमन और कुमार अनुकूल ने प्रश्नोत्तरी सत्र का आयोजन कर छात्रों की जिज्ञासाओं का समाधान किया।
कार्यशाला संयोजक अभय कुमार ने कहा कि तीन दिनों तक छात्रों को पायथन और उससे जुड़ी नई तकनीकों पर आंतरिक और बाहरी विशेषज्ञों से संवाद का अवसर मिला, जो उन्हें शोध और नवाचार की ओर प्रेरित करेगा।
सीएसई विभागाध्यक्ष गोपाल कृष्ण ने बताया कि इस कार्यशाला ने छात्रों के ज्ञान का विस्तार किया और उन्हें भविष्य की तकनीकी चुनौतियों के लिए तैयार किया। उन्होंने कहा कि विभाग आगे भी इस तरह के शैक्षणिक कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा।
समापन समारोह में प्राचार्य डॉ. अच्युतानंद मिश्र ने कार्यशाला को कॉलेज के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि यहाँ के छात्र तकनीकी आत्मनिर्भरता और शोध के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ हासिल करेंगे।
अंत में कार्यशाला संयोजक अभय कुमार और विभागाध्यक्ष सीएसई (एआई) ने सभी विशेषज्ञों, प्रतिभागियों और आयोजन समिति को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का समापन परीक्षण और प्रमाणपत्र वितरण के साथ हुआ।
प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला को अपने शैक्षणिक जीवन का अविस्मरणीय अनुभव बताते हुए उम्मीद जताई कि भविष्य में भी इस तरह के आयोजन होते रहेंगे।
कोई टिप्पणी नहीं