- जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा की मंजूरी के बाद विभाग ने शुरू की टेंडर प्रक्रिया
सुपौल। जिले के विभिन्न प्रखंडों में बाढ़ एवं कटाव से सुरक्षा की नौ योजनाओं को जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री श्री संजय कुमार झा ने मंजूरी दे दी है। जल संसाधन विभाग द्वारा इनकी टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। प्राक्कलन के मुताबिक इन योजनाओं पर कुल करीब 43 करोड़ 33 लाख 97 हजार रुपये खर्च होंगे।
सुपौल प्रखंड में पूर्वी कोसी तटबंध के स्पर किमी 64.95, स्पर किमी 64.25, स्पर किमी 68.30, स्पर किमी 80.05 तथा स्पर किमी 65.46 से स्पर किमी 65.80 के बीच कटाव निरोधक कार्य कराये जाएंगे। बाढ़ अवधि 2023 में कोसी नदी में अत्यधिक जलस्त्राव के कारण पूर्वी कोसी तटबंध के विभिन्न स्परों पर अत्यधिक दबाव होने से कुछ स्पर एवं इनसे जुड़ी संरचनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। इन स्परों पर कटाव निरोधक कार्य कराये जाने से सुपौल प्रखंड के सभी गाँव लाभान्वित होंगे।
उल्लेखनीय है कि वीरपुर बराज से कोसी नदी में इस वर्ष बाढ़ अवधि में 14 अगस्त 2023 को 34 वर्षों की अवधि के बाद अधिकतम 4,62,345 क्यूसेक जलस्राव प्रवाहित हुआ था। बाढ़ सीजन से पूर्व जल संसाधन विभाग द्वारा तत्परता से किये जा रहे कार्यों तथा मॉनसून सीजन में चौबीसो घंटे हाई अलर्ट का सुपरिणाम है कि रिकार्ड जलस्राव के बावजूद उत्तर बिहार को कोसी नदी की बाढ़ की तबाही से बचाने में सफलता मिली।
इसी तरह जिले के बसंतपुर प्रखंड में पूर्वी कोसी तटबंध के स्पर किमी 5.30 के डाउनस्ट्रीम पर तथा स्पर किमी 7.85 पर तथा स्पर किमी 9.25 से स्पर किमी 9.50 के बीच, स्पर किमी 9.50 से स्पर किमी 10.00 के बीच, स्पर किमी 10.00 से स्पर किमी 10.90 के बीच, स्पर किमी 11.70 से स्पर किमी 12.37 के बीच, स्पर किमी 16.30 पर और स्पर किमी 16.98 पर कटाव निरोधक कार्य कराये जाएंगे। इस योजना से रानीगंज, भीमनगर, शिवनगर, समदा, भगवानपुर, पिपराही, रतनपुरा, ढाढा, सातनपट्टी, लालमनपट्टी तथा नरपतपट्टी गांव के लोग लाभान्वित होंगे।
उल्लेखनीय है कि कोसी नदी नेपाल से निकलती है तथा कोसी बराज से नीचे बसंतपुर प्रखंड के भीमनगर के पास भारतीय प्रभाग में प्रभाग में प्रवेश करती है। नेपाल के तराई प्रभाग से कोसी बराज की दूरी कम रहने के कारण बाढ़ अवधि में यहां कोसी नदी का जलप्रवाह काफी तीव्र रहता है।
जिले के सरायगढ़ तथा भपटियाही प्रखंड में पूर्वी कोसी तटबंध के स्पर किमी 18.53, स्पर किमी 19.10 से किमी 19.50 के बीच एवं स्पर किमी 20.50 से किमी 20.70 के बीच कटाव निरोधक कार्य, स्पर किमी 22.40 एवं स्पर किमी 22.50 के डाउनस्ट्रीम में, स्पर किमी 22.95 से किमी 23.32 के बीच, स्पर किमी 25.00 से किमी 26.00 के बीच कटाव निरोधक कार्य, स्पर कि०मी० 27.34 से किमी 27.68 के बीच लूप में कटाव निरोधक कार्य कराये जाएंगे। जल संसाधन विभाग की इन योजनाओं से गोपालपुर, कोढली, सिमरी, नोनपार, बैसा, सदानंदपुर, कल्याणपुर तथा भपटियाही इत्यादि गांवों के लोग लाभान्वित होंगे।
इसी तरह निर्मली प्रखंड में पश्चिमी तटबंध (भारदा से नीचे) के किमी 17.79, किमी 18.41, किमी 19.58 एवं किमी 20.00 तथा तिलयुगा समानांतर बाँध के किमी 2.360 से 2.410 पर कटाव निरोधक कार्य कराए जाएंगे। इस कार्य से कमलपुर, बथनाहा, हरजोती, पीपराही, राजपुर एवं डगमारा गांव लाभान्वित होंगे।
उल्लेखनीय है कि पश्चिमी तटबंध (भारदा से नीचे) के किमी 17.79, किमी 18.41. किमी 19.58 तथा किमी 20.00 स्परों की ऊपरी सतह कच्ची है, जिसमें समय के साथ अनेकों गड्ढे बन गये हैं। इस कारण बाढ़ अवधि में इस पर वाहनों के आवागमन में दिक्कत होती है। विभाग द्वारा कराये जाने वाले आगामी कार्यों से कटाव से सुरक्षा के साथ-साथ इन स्परो को यातायात के योग्य बनाया जाएगा, ताकि बाढ़ अवधि में सतत चौकसी बरती जा सके तथा आपातकालीन स्थिति में आवश्यक बाढ़ संघर्षात्मक साग्रियों की ढुलाई एवं निरीक्षण के लिए वाहनों का सुगमतापूर्वक आवागमन हो सके।
सुपौल जिले के मरौना प्रखंड तथा मधुबनी जिले के मधेपुर प्रखंड में विस्तारित सिकरहट्टा-मझारी निम्न बाँध के किमी 5.25 से 5.50, किमी 16.00 से किमी 17.20 एवं किमी 19.690 से किमी 20.820 पर बाढ़ निरोधक कार्य कराये जाएंगे। इस कार्य से सिसौनी, गेवालटोल, मंगासिहोल आदि गांवों के लोग लाभान्वित होंगे। उल्लेखनीय है कि बाढ़ अवधि 2023 में कोसी नदी में अधिकतम जलश्राव प्रवाहित होने पर विस्तारित सिकरहट्टा-मझारी निम्न बाँध के किमी 5.25 से 5.50 के बीच सीपेज होने के कारण किमी 5.375 पर पाइपिंग की घटना हुई, जिसे बाढ़ संघर्षात्मक कार्य कराकर रोका गया।



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