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सुपौल गांधी मैदान में श्रद्धा व आस्था के साथ की गयी भगवान चित्रगुप्त की पूजा अर्चना

सुपौल। मानव जीवन के कर्मों का लेखा-जोखा रखने वाले भगवान चित्रगुप्त की पूजा बुधवार को गांधी मैदान स्थित सार्वजनिक दुर्गा मंदिर परिसर में श्रद्धा एवं आस्था के साथ की गयी। इसके अलावा अन्य कई स्थानों पर भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की गई। मौके पर लोगों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान चित्रगुप्त की आराधना के साथ ही कलम, दवात, कॉपी व पुस्तक की भी पूजा की। पूजा के बाद श्रद्धालुओं के बीच महाप्रसाद का वितरण किया गया। 
पूजा को सफल बनाने में अध्यक्ष डॉ (मेजर) शशिभूषण प्रसाद, उपाध्यक्ष श्याम प्रसाद वर्मा, ब्रह्मदेव लाल दास, रुद्रप्रताप लाल, सचिव संतोष सुमन, नरेंद्र प्रसाद वर्मा, अभिनव मल्लिक, शशांक राज, ओम कुमार, सत्यम कुमार, संतोष श्रीवास्तव, विशाल कुमार श्रीवास्तव, संजीव वर्मा, शोभा रानी, धीरेंद्र कुमार सिन्हा, सुशील कुमार दास, रमेश रंजन, प्रकाश श्रीवास्तव, नरेश कुमार कर्ण, राजीव कुमार, रमन कुमार दास, भूषण कर्ण, विक्की वर्मा, अजीत कुमार सिन्हा, शारदा कुमार, विश्वजीत सिन्हा सहित कई अन्य कार्यकर्ता जुटे हुए थे। बताया गया कि पूजा के अलावा अन्य कई कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। प्रतिमा का विसर्जन गुरुवार को कोशी नदी में किया जायेगा।
   

बताया गया कि हर साल कार्तिक मास में भैया दूज के पर्व के बाद चित्रगुप्त पूजा की जाती है। भगवान चित्रगुप्त यमराज के सहयोगी माने जाते हैं जो संसार के हर मनुष्य के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं। भगवान चित्रगुप्त के साथ ही उनके प्रतीक कलम और दवात का भी पूजन किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि दूज के दिन विधि विधान से भगवान चित्रगुप्त की पूजा करने वाले व्यक्ति को मृत्यु के बाद नरक की प्रताड़ना नहीं भोगनी पड़ती है। इस दिन कलम दवात को छुआ नहीं जाता है। चित्रगुप्त पूजा करने से बैकुंठ की प्राप्ति होती है। 
   

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