सुपौल। कलेक्ट्रेट स्थित लहटन चौधरी सभागार में मंगलवार को जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति व चाइल्डलाईन सलाहकार परिषद् सुपौल की त्रैमासिक संयुक्त समीक्षात्मक बैठक डीएम कौशल कुमार की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। बैठक में श्रम विभाग के सभी प्रखंड एवं अनुमंडल स्तर पर गठित धावा दल को बच्चों को रेस्क्यू अभियान चलाकर बाल श्रम को रोकने का सम्यक प्रयास करने का निर्देश दिया गया।
जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आईसीडीएस को निर्देश दिया गया कि अपने स्तर से सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए पत्र निर्गत करें कि आंगनबाड़ी केंद्र यह सुनिश्चित करें कि उनके पोषक क्षेत्र में कोई अनाथ व बेसहारा बच्चा का सर्वे कर प्रतिवेदन जिला बाल संरक्षण इकाई को उपलब्ध कराये। ताकि उन बच्चों को सरकार की महत्वाकांक्षी योजना परवरिश एवं प्रायोजक देखभाल योजना (स्पॉनशरसिप योजना) के तहत क्रमशः 1000 एवं 4000 रुपया अनुदान के रुप में लाभ ससमय से दिया जा सके। जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि सुपौल जिला अंतर्गत सरकारी तथा सार्वजनिक वाहनों पर चाइल्ड हेल्पलाईन 1098 का स्टीकर लगवायें। ताकि समय से जरुरतमंद बच्चों तक सुविधा पहुंच सके। जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि 1098 टॉल फ्री नंबर 112 टॉल फ्री नंबर को एकीकृत किया गया है। ताकि पुलिस की भी सहायता पीड़ितों तक पहुंच सके। सहायक निदेशक बाल संरक्षण को 15 दिनों के अंदर कार्य पूर्ण कराने निर्देश दिया गया।
बैठक में सिविल सर्जन, जिला कल्याण पदाधिकारी, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आईसीडीएस, दिवेश कुमार शर्मा, आलोक कुमार भारती, गुंजा कुमारी, सभी श्रम प्रवर्तक पदाधिकारी, भगवान पाठक, भास्कर काश्यप, ओम प्रकाश पांण्डेय, श्रवण कुमार, कुणाल पासवान, संतोष कुमार, बबलू कुमार पासवान, अभिनंदन कुमार, चांदनी कुमारी आदि उपस्थित थे।
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