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दो वर्षों से मानदेय नहीं मिलने के कारण धरना पर बैठे सदर अस्पताल में कार्यरत गार्ड

सुपौल। सदर अस्पताल में तैनात सुरक्षा गार्ड को विगत दो सालों से मानदेय नहीं मिलने से आक्रोशित होकर शुक्रवार को अस्पताल के मुख्य द्वार के समीप अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गये। हालांकि करीब तीन घंटे बाद सिविल सर्जन के आश्वासन के बाद हड़ताल को समाप्त करा दिया गया। मालूम हो कि सदर अस्पताल में सुरक्षा के दृष्टिकोण से एजेंसी के माध्यम से गार्ड को तैनात किया गया है। सदर अस्पताल के सुरक्षा में 13 महिला समेत कुल 42 गार्ड प्रतिनियुक्ति किये गये हैं। जिन लोगों का मानदेय स्वास्थ्य विभाग की ओर से एजेंसी के माध्यम से सुरक्षा गार्ड को दिया जाता है। धरना पर बैठे गार्ड ने बताया किसी को पिछले 02 वर्षों से मानदेय नहीं प्राप्त हुआ है तो कई गार्ड का मानदेय 10 महीने से 22 महीने तक बकाया है। धरना पर बैठी महिला गार्ड आशा देवी ने बताया कि उन्हें 02 सालों से मानदेय नहीं मिला है। गार्ड मनोहर पासवान, बिंदु शेखर, ममता कुमारी ने बताया कि प्रतिमाह 07 हजार रुपये देने बात कह कर बहाल किया गया। लेकिन विगत 10 महीना से मानदेय नहीं मिला है। ऐसे में किसी तरह इस भरोसे इंतज़ार में था कि आज नहीं तो कल मानदेय मिल जायेगा। लेकिन थक हार कर आंदोलन करना पड़ा है। इधर एजेंसी के संचालक जितेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि कुछ का बकाया चल रहा है। जल्द उनके मानदेय का भुगतान कर दिया जाएगा। दूसरी तरफ आंदोलन सदर अस्पताल में होने की सूचना पर सिविल सर्जन डॉ ललन कुमार ठाकुर अस्पताल के मुख्य द्वार के समीप पहुंचकर धरना पर बैठे गार्ड से उनकी परेशानी के बारे में पूछा। सीएस ने कहा कि संबंधित एजेंसी को गार्ड के मानदेय हेतु भुगतान किया जा चुका है। ऐसे में उन्होंने एजेंसी को निर्देश दिया कि जल्द ही गार्ड के मानदेय का भुगतान सुनिश्चित की जाए। सिविल सर्जन के आश्वासन पर हड़ताल को समाप्त किया गया।


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