Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Breaking News

latest

त्रिवेणीगंज : देश के विकास में बाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर का है महत्वपूर्ण योगदान




  • अनूपलाल यादव महाविद्यालय में डॉ भीमराव आंबेडकर की मनायी गयी जयंती

सुपौल। राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई अनूपलाल यादव महाविद्यालय के तत्वाधान में रविवार को बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती मनायी गयी। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जयदेव प्रसाद यादव की अध्यक्षता एवं एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी सह जिला नोडल पदाधिकारी प्रो विद्यानंद यादव द्वारा संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मौके पर प्राचार्य ने बताया कि बाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 ईस्वी को में मध्य प्रदेश के महू में एक दलित परिवार में हुआ था। सामाजिक कुरीतियों से ग्रसित तत्कालीन समाज में उन्हें अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। देश के विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। संपूर्ण विश्व में उनका मानवाधिकार आंदोलन और उनकी विद्वता जानी जाती है। समाज में फैली सभी बुराइयों को दूर कर सभी को समता की स्थिति में लाने के उनके प्रयास के कारण उनके जन्मदिवस को हम समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में भी मनाते हैं। उनके जन्म दिवस के अवसर पर स्वयंसेवकों को उनकी जीवनी से प्रेरणा ग्रहण कर सामाजिक बुराइयों को दूर कर स्वच्छ राष्ट्र निर्माण में सहयोग करना चाहिए।
   
एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी प्रो विद्यानंद यादव ने बताया बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर को भारत के महान व्यक्तित्व और नायक के रूप में जाना जाता है। भारतीय संविधान के जनक डॉ भीमराव अंबेडकर आजादी के बाद प्रथम न्याय और कानून मंत्री बने। तथाकथित दलित वर्ग में जन्म लेने के पश्चात अनेक कठिनाइयों का सामना करते हुए उन्होंने भारत के तत्कालीन 80 फ़ीसदी सामाजिक और आर्थिक तौर से पिछड़े अभिशप्त दलित के जन्म सूत्र से प्राप्त अस्पृश्यता की कालिख से मुक्ति दिलाने का संकल्प लेकर एक नई दुनिया देखने का प्रयास किया। 26 नवंबर 1949 को उनके द्वारा रचित 315 अनुच्छेद का संविधान पारित किया गया। मरणोपरांत 1990 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। राष्ट्र के विकास में विभिन्न प्रकार से योगदान देने के सम्मान में 14 अप्रैल को हम उन्हें नमन और पुष्पांजलि अर्पित कर उनका जन्म दिवस मनाते हैं। विकसित राष्ट्र की संकल्पना के लिए जातिवाद और सामाजिक बुराइयों को समाप्त करना आवश्यक है। स्वयंसेवकों को चाहिए कि सामाजिक कुरीतियों को दूर कर स्वच्छ और सशक्त राष्ट्र निर्माण में सहयोग कर स्वयं के साथ समाज को जागरुक करने का प्रयास करें। सभी के द्वारा पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया गया। जागरूकता कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक, कर्मचारी गण के अलावे स्वयंसेवक लवली कुमारी, यशिका कुमारी, चांदनी कुमारी, आयुषी कुमारी, प्रियांशु कुमारी, कोमल कुमारी आदि उपस्थित थे।

कोई टिप्पणी नहीं