- पुरुषों का मतदान प्रतिशत 60 तक भी नहीं पहुंचा, निर्मली की महिला मतदाताओं ने 72.94 % तक निभाई भागीदारी
सुपौल। तृतीय चरण के तहत जिले में सात मई को हुए मतदान में इस बार आधी आबादी ने दम दिखाया है। चुनाव को लोकतंत्र के महापर्व के रूप में मनाते हुए महिलाओं ने मतदान में पुरुष मतदाताओं की अपेक्षा अधिक मतदान कर यह जता दिया है कि भले ही चुनावी समर में पुरुषों की सक्रियता अधिक दिखती हो लेकिन सत्ता की कुर्सी उन्हें ही नसीब होगी जहां इनकी मर्जी तय करेगी। हालांकि जिले का मतदान प्रतिशत ऊंचाई प्राप्त करे इसके लिए जिला प्रशासन ने भी जी तोड़ मेहनत की। चुनाव की तारीख घोषित होते ही जिला प्रशासन ने स्वीप कोषांग के माध्यम से शहर से लेकर गांव तक जागरूकता अभियान चलाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। शायद इसी का परिणाम है कि जिले के कई मतदान केंद्रों पर सायं छह बजे के बाद भी वोटर कतारबद्ध रहे और मतदान के प्रतिशत में भी इजाफा हुआ। आंकड़े बताते हैं कि इस बार जिले में 63.55 प्रतिशत मतदान हुआ जिसमें महिलाओं की भागीदारी तकरीबन 13 प्रतिशत अधिक रही है। बताया जा रहा है कि इस बार पुरुष मतदाताओं का प्रतिशत 57.02 रहा तो महिलाओं ने 70.55 प्रतिशत वोटिंग कर आधी आबादी की ताकत दिखाई है। जानकारों की मानें तो बीते 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी महिला मतदाताओं ने पुरुष वोटर की अपेक्षा अधिक मतदान किया था। इस मामले में निर्मली विधानसभा की महिला वोटर अव्व्ल रही हैं। यहां 72.94 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान में हिस्सा लिया। इसी तरह अन्य पांच विधानसभा के महिला मत प्रतिशत पर गौर करें तो पिपरा में 71.79, सुपौल में 68.32, त्रिवेणीगंज में 71.44 तथा छातापुर विधानसभा क्षेत्र की 71.37 प्रतिशत महिलाओं ने मताधिकार का उपयोग किया। सबसे निचले पायदान पर सिंहेश्वर विधानसभा रहा जहां की 67.51 प्रतिशत महिलाएं वोटिंग का हिस्सा बन पाईं। वहीं पुरुष मतदाताओं की बात करें तो एक भी विधानसभा में पुरुष वोटिंग का आंकड़ा 60 प्रतिशत को छू नहीं पाया। सबसे अधिक पिपरा विधानसभा में 59.17 पुरुष मतदाताओं ने वोटिंग किया तो सबसे कम 55.32 प्रतिशत पुरुषों ने सिंहेश्वर विधानसभा में मताधिकार का उपयोग किया। इस प्रकार ओवरऑल 19 लाख 27 हजार 207 मतदाताओं में से 12 लाख 24 हजार 821 मतदाताओं ने लोकतंत्र के महापर्व में भाग लेकर सांसद चुनने में भागीदारी निभाई है।


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