सुपौल। मरौना थाना क्षेत्र के परिकोच पंचायत स्थित बसखोरा गांव के समीप तिलयुगा नदी में शुक्रवार को दोपहर नहाने गए चार बच्चों में से दो बच्चे लापता हो गए। सूचना मिलने के बाद ग्रामीणों ने खोजबीन शुरू की। घटना की सूचना मरौना अंचलाधिकारी को दी गई। कुछ ग्रामीणों के द्वारा लापता बच्चे को ढूढ़ने की कोशिश की गई। लेकिन बच्चे नहीं मिले। बताया जा रहा है कि लापता बच्चों में मरौना थाना क्षेत्र के कमरैल पंचायत अंतर्गत हड़री वार्ड नंबर 11 निवासी हीरालाल कामत के 11 वर्षीय पुत्र सुमन कुमार और दूसरा छोटेलाल कामत के 10 वर्षीय पुत्र गोलू कुमार शामिल है। इधर, घटना के तीन घंटे बाद तक एनडीआरएफ की टीम मौके पर नहीं पहुंची। जिसको लेकर ग्रामीणों ने निर्मली मरौना सड़क जाम कर हंगामा किया। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस मामले की जांच में जुट गई। दूसरी तरफ दोनों परिवार वालों के घर मातमी सन्नाटा पसरा है। घर के सभी सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल बना हुआ है। सूचना पर मरौना प्रखंड के प्रमुख प्रतिनिधि लक्ष्मी नारायण यादव भी पहुंचे। जिन्होंने कहा कि घटना की जानकारी स्थानीय पुलिस और अंचलाधिकारी को फोन पर दी। मरौना थाना अध्यक्ष कृष्ण कुमार ने कहा कि तिलयुगा नदी में दो बच्चे डूब कर लापता है। तीन घंटे के बाद एनडीआरएफ की टीम स्थल पर पहुंच लापता बच्चों की खोज में जुट गयी।
वहीं कमरेल पंचायत के हररी गांव वार्ड नबर 11 निवासी हीरालाल कामत के 11 वर्षीय पुत्र सुमन कुमार और छोटेलाल कामत के 10 वर्षीय पुत्र गोलू कुमार गांव के अन्य बच्चों के साथ बसखोरा गांव के समीप नदी में नहाने गए थे। नहाने के दौरान बच्चे अधिक पानी में चले गए। जहां दो बच्चे नदी से तैरकर निकल गए, लेकिन गोलू व सुमन नदी से नहीं निकल सके। घटना के बाद मौके पर स्थानीय लोगों की भारी भीड़ जमा हो गयी। घटना की तत्काल सूचना पर मौके पर एनडीआरएफ की टीम के नहीं पहुंचने से आक्रोशित ग्रामीणों ने निर्मली-मरौना मुख्य पथ को जाम कर प्रदर्शन किया। आक्रोशित ग्रामीणों ने बताया कि घटना के 03 घंटे बीतने के बाद भी एनडीआरएफ की टीम उक्त स्थल पर नहीं पहुंची। जिस कारण उनलोगों ने सड़क जाम किया है। लेकिन घटना स्थल पर एनडीआरएफ की टीम के पहुंचने के बाद ग्रामीणों ने जाम समाप्त कर दिया। इसके बाद उक्त पथ पर आवागमन बहाल हो सका। इस दौरान जाम में फंसे लोगों को आवागमन में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बताया जा रहा है कि लापता बच्चे में से 10 वर्षीय गोलू अपने परिवार के साथ दिल्ली में रह रहा था। जो कुछ दिन पहले अपने परिवार के साथ मुंडन के लिए अपने गांव आया था। इधर घटना के बाद परिवार वालों में चीख पुकार मची है।

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