सुपौल। विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर संयुक्त श्रम भवन में श्रम अधीक्षक की अध्यक्षता में जिलास्तरीय एक दिवसीय कार्यक्रम आयोजित की गई। जिसमें श्रम अधीक्षक द्वारा बाल एवं किशोर श्रम निषेध (संशोधित अधिनियम) 2016 के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही यह भी बताया गया कि सुपौल जिला में वित्तीय वर्ष 2023-24 में 36 एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में 03 बाल श्रमिकों को विमुक्त कराकर सीएलटीएस पोर्टल पर दर्ज कर दी गई है। जिसमें से 11 बच्चे दूसरे जिले के है। जिसकी सूचना दूसरे जिला को भेज दी गई है। 12 बच्चों को 3000 प्रति बाल श्रमिक की दर से आर्थिक सहायता राशि प्रदान की गई है। 13 बच्चों के लिए आर्थिक सहायता राशि की मांग की गई है। 12 बच्चों को पुनर्वास की राशि 25000 प्रति बाल श्रमिक की दर से फिक्स डिपोजिट की गई है। शेष बच्चों की पुनर्वास की कार्रवाई की जा रही है। साथ ही यह भी बताया गया कि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से कोई भी काम लेना जैसे डावा, रेस्टोरेंट, होटल, मोटल, चाय की दुकान, घरेलू कामगार, ऑटो मोबाइल वर्कशॉप, गैराज, कपड़े की दुकान आदि में सख्त प्रत्तिबंधित व दंडनीय अपराध है। इसी प्रकार 18 वर्ष से कम उम्र तक के किशोर-किशोरियों से खतरनाक व्यवसायों जैसे ईंट भट्ठा, भवन निर्माण, पत्थर की खदानें, सीमेंट उद्योग आदि प्रक्रियाओं में काम लेना भी प्रतिबंधित है। जो दंडनीय अपराध के श्रेणी में आते हैं।
बाल श्रम निषेध कानून का उल्लंघन करने पर दोषी नियोजकों के ऊपर पचास हजार जुर्माने के साथ-साथ दो वर्ष तक कारावास की सजा का भी प्रावधान है। इसके अतिरिक्त माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार बीस हजार रुपये की अतिरिक्त क्षतिपूर्ति की राशि भी वसूल की जाएगी। नियोजक द्वारा दूसरी बार बाल श्रम करवाते पकड़े जाने पर तीन वर्ष की कारावास की सजा भी हो सकती है। बच्चों के माता-पिता या अभिभावक को भी पैसे के लिए काम करवाने के जुर्म में दस हजार रुपये तक जुर्माना हो सकता है। श्रम विभाग द्वारा पूरे जिले की बाल थम मुक्त करने हेतु अभियान चलाया जा रहा है। धावा दल भी अपने टीम के माध्यम से दोषी नियोजकों के परिसरों में सघन जांच- पड़ताल कर रही है। ताकि एक भी बाल श्रमिक जिले के अंदर काम करते हुए नहीं पाया जाना चाहिए। बाल श्रम नियोजित करने बाले कोई भी नियोजक को बख्सा नहीं जाएगा।
उक्त कार्यक्रम में अंकिता, जिला नियोजन पदाधिकारी, सहायक निदेशक बाल संरक्षण ईकाई, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा कोषांग, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति, सदस्य, बाल कल्याण समिति, सदर श्रम प्रवर्त्तन पदाधिकारी, निर्मली श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, पिपरा श्रम प्रवर्त्तन पदाधिकारी, राघोपुर श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी एवं प्रतापगंज श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी प्रतापगंज उपस्थित थे।


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