सुपौल। नगर परिषद क्षेत्र के भेलाही स्थित मंडल परिसर में वेद व्यास जयंती पखवाड़ा समापन समारोह का आयोजन किया गया। समापन समारोह में दीपावली की तरह व्यास देव जी का जयंती मनाने का संकल्प लिया गया। इस मौके पर पटना विश्वविद्यालय के पूर्व प्रति कुलपति डॉ राजाराम प्रसाद ने कहा महर्षि व्यास रचित महाभारत हिंदी साहित्य का सबसे बड़ा ग्रंथ है। महाभारत, जिसमें 14 लाख श्लोक है। यह ग्रीस के महाकाव्य एलियेट और ओडिसी के सम्मिलित रूप का आठ गुना बड़ा है। इस मौके पर प्रो रामचन्द्र प्रसाद मंडल द्वारा प्रस्तावित प्रस्ताव प्रत्येक वर्ष महर्षि वेद व्यास के जन्म दिवस आषाढ़ी पूर्णिमा को दीपावली के तरह प्रकाश पर्व के रूप में मनाएंग का स्वागत किया। समारोह को संबोधित करते हुऐ बी एन मंडल विश्विद्यालय के सेवानिवृत्त विभागाध्यक्ष प्रो रामचंद्र प्रसाद मंडल ने कहा कि व्यास रचित वेद, पुराण, गीता और महाभारत भारतीय संस्कृति का आधार स्तंभ है। महाकवि व्यास ने ब्रह्म चिंतन और काल मंथन से ज्ञान गंगा को इस धरातल पर उतारा है। जिसने हमारी संस्कृति और संस्कार को अमृत्व प्रदान किया। यही कारण है कि एक बार फिर भारत विश्व गुरु बनने के समीप खड़ा है। उन्होंने युवाओं को आह्वान किया कि युवा शिक्षा और संगठन को हथियार बनाकर अपनी मंजिल और अधिकार की प्राप्ति हेतु आगे बढ़े।
हरिमोहन विश्वास और कमलेश मंडल ने कहा हम बिना पूर्वजों के इतिहास और उनके पराक्रम को जाने नया रास्ता और नई व्यवस्था नहीं बहाल कर सकते हैं। इस मौके पर सेवानिवृत्त प्राचार्य सीताराम मंडल, वीरेंद्र मंडल, बलराम कामत, सुनील कुमार मंडल, डोमी मंडल, विद्यानंद कामत, आशीष कुमार मंडल, जगदीश कामत, नागेंद्र कामत, शंभू कामत, शिव शंकर कामत,दीप नारायण मंडल, महेश्वर कामत, गंगाराम कामत, हरिकृष्ण कुमार, खट्टर कामत, लक्ष्मण कामत, वीरेंद्र मंडल, रामसुंदर कामत, वासुदेव मंडल, सीताराम मंडल, शशि भूषण मंडल, मनोज कुमार मंडल आदि उपस्थित थे।
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