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लागू हुए नये आपराधिक कानून, थानों का किया जा रहा आधुनिकीकरण, नये उपकरणों के साथ सुसज्जित होगा थाना



सुपौल। संसद से पारित तीन नये आपराधिक कानून के प्रति लोगों को जागरूक करने को लेकर सोमवार सदर थाना परिसर में बैठक आयोजित की गयी। मौके पर बड़ी संख्‍या में गणमान्‍य व शहर के सभी वर्ग के लोग मौजूद थे। बैठक के दौरान बताया गया कि नये कानून में अब भारतीय दंड संहिता 1860 की जगह भारतीय न्‍याय संहिता 2023, दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्‍य अधिनियम 1872 की जगह भारतीय साक्ष्‍य अधिनियम 2023 लागू किया गया है। इस कानून में दंड की जगह न्‍याय पर विशेष बल दिया गया है। 

कहा कि न्‍याय पर केंद्रित तीनों नये आपराधिक कानून को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिये बिहार पुलिस पूरी तरह से तैयार है। कहा कि राज्‍य के 25 हजार से अधिक पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मी को नये कानूनों में हुए बड़े बदलाव से जुड़ी ट्रेनिंग दी जा चुकी है। साथ ही आमलोगों को भी वीडियो, फोटो, इंफोग्राफिक्‍स एवं अन्‍य माध्‍यमों से नये कानून के प्रति जागरूक कर इससे जुड़ी सभी भ्रांतियों को दूर किया जा रहा है। कहा कि नये कानून में डिजिटल तौर पर एफआईआर, नोटिस, समन, ट्रायल, रिकॉर्ड, फारेंसिक, केस डायरी एवं बयान आदि को संग्रहित किया जायेगा। तलाशी और जब्‍ती के दौरान वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी के लिये बिहार पुलिस के सभी अनुसंधानकर्ताओं को लैपटॉप और मोबाइल उपलब्‍ध कराये जाएंगे। 

कहा कि थानों का नये उपकरणों के साथ आधुनिकीकरण किया जा रहा है। हर थाने में वर्क स्‍टेशन, डाटा सेंटर, अनुसंधान हॉल, रेकॉर्ड रूम तथा पूछताछ कक्ष का जल्‍द ही निर्माण किया जायेगा। कहा कि नागरिक व पीड़ित तीन नये आपराधिक कानून, व्‍यक्तिगत, अभिव्‍यक्ति के स्‍वतंत्रता की गारंटी देता है। यह भारत द्वारा भारत के लिये और भारतीय संसद द्वारा बनाये गये कानूनों के अनुसार संचालित होगा।

 इन कानूनों में समानता और निष्‍पक्षता के साथ-साथ न्‍याय पर बल दिया गया है। जिससे सभी के लिये त्‍वरित न्‍याय सुनि‍श्‍चित किया जा सके। कहा कि इन न्‍याय प्रणाली में नये आपराधिक कानून को नागरिक केंद्र‍ित बनाने की दिशा में बड़ी पहल है। साथ ही न्‍याय प्रणाली में टेक्‍नोलॉजी पर जोर दिया गया है। महिलाओं और बच्‍चों के लिये भी नये प्रावधान किये गये हैं।  वहीं अपराध एवं दंड को नये तरीके से परिभाषित किया गया है। इस नये कानून से त्‍वरित न्‍याय की प्रक्रिया है। वहीं आपराधिक न्‍याय प्रणाली में भी बदलाव किया गया है एवं पुलिस की जबावदेही और पारदर्शिता पर बल दिया गया है।  

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