सुपौल। एसएसबी 45 वीं बटालियन की सीमा चौकी नेओर के चेक पोस्ट पर शुक्रवार की संध्या मानव तस्कर रोधी इकाई दारा एक नाबालिग लड़की तथा एक नाबालिग लड़के को मुक्त कराया गया। जानकारी देते हुए 45वीं बटालियन के कमांडेंट गौरव सिंह ने बताया कि एसएसबी सीमा की सुरक्षा के साथ साथ सीमा क्षेत्र में रहने वाले लोगों की सुरक्षा के प्रति भी ज़िम्मेवार है और चौबीसों घंटे प्रत्येक घटना पर नजर बनाए हुये है। इसी क्रम में सीमा चौकी नेओर के क्षेत्र में सीमा सुरक्षा बल की मानव तस्कर रोधी इकाई दारा 02 नाबालिगों को छुड़ाया गया। सहायक उप-निरीक्षक पवन कुमार के नेतृत्व में अन्य 03 बलकर्मियों का दल सीमा स्तम्भ 228/1 के समीप बने चेक पोस्ट पर ड्यूटी हेतु मुस्तैदी के साथ तैनात थे जांच ड्यूटी के दौरान देखा की कम उम्र की महिला और पुरुष का एक संदिग्ध जोड़ा शादी के लिबास में दो अन्य लोगों के साथ नेपाल सीमा से भारत प्रभाग की ओर प्रवेश कर रहा है। भारतीय सीमा के अंदर प्रवेश करने के उपरांत संदेह के आधार पर उन लोगों को चेक पोस्ट पर रोका गया तथा आवश्यक पूछताछ की गई। पूछताछ के क्रम में यह स्पष्ट हुआ कि महिला की लिबास में लड़की की उम्र 17 साल है, जिसके साथ डगमारा निवासी रोशन कुमार के अलावे डगमारा निवासी राम अवतार साह और गुज नारायण साह भी हैं. बाल विवाह अधिनियम के मुताबिक भारत में शादी के लिए लड़की की आयु 18 वर्ष व लड़के की आयु 21 से कम नहीं होनी चाहिए. इस आधार पर आवश्यक कागजी कार्यवाही के बाद नाबालिग लड़की व लड़के तथा दोनों व्यक्तियों को चाइल्ड केयर मधुबनी क़ो सौंप दिया गया.
एसएसबी जवानों ने मानव तस्कर से नाबालिग लड़की और लड़का को कराया मुक्त
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