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राघोपुर : नशा मुक्ति संगोष्ठी आयोजित, राजयोग के माध्यम से आत्मबल बढ़ाने पर दिया गया जोर



सुपौल। सिमराही नगर पंचायत अंतर्गत रेफरल अस्पताल सभागार में नशा मुक्त भारत अभियान के तहत शनिवार को एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. दीप नारायण राम ने की। संगोष्ठी में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सिमराही-राघोपुर सेवा केंद्र की प्रभारी राजयोगिनी बबीता दीदी, ब्रह्माकुमारी वीणा बहन, पूनम देवी, ब्रह्माकुमार किशोर भाई समेत अस्पताल के चिकित्सक, नर्स, आशा कार्यकर्ता, और अन्य स्टाफ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में विशेष रूप से माउंट आबू से पधारे बीके राजीव धवन ने प्रेरक उद्बोधन में कहा कि “आज समाज में युवा वर्ग नशे की लत की ओर खिंच रहा है, जिसका मूल कारण आत्म-सम्मान और आत्मिक प्रेम की कमी है।” उन्होंने कहा कि परमात्मा से जुड़कर राजयोग के माध्यम से आत्मबल को बढ़ाया जा सकता है, जिससे व्यक्ति इस विनाशकारी आदत से उबर सकता है।

बीके राजीव ने अपने वक्तव्य में कहा कि नशा कोई मित्र नहीं बल्कि जीवन का गुप्त शत्रु है, जो धीरे-धीरे व्यक्ति को भीतर से खोखला कर देता है। उन्होंने राजयोग को अंतरात्मा की शक्ति को जाग्रत करने वाला अमोघ उपाय बताया और कहा कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए आत्मिक जागरूकता जरूरी है।

कार्यक्रम के अंत में राजयोगिनी बबीता दीदी ने सभी प्रतिभागियों को राजयोग ध्यान की विधि समझाई और सामूहिक ध्यान अभ्यास भी करवाया। उन्होंने बताया कि ध्यान और आध्यात्मिक जागरूकता के माध्यम से व्यक्ति नशे की बुराइयों से मुक्त होकर एक सकारात्मक और स्वास्थ्यपूर्ण जीवन जी सकता है।

इस संगोष्ठी ने उपस्थित सभी लोगों को नशा के खिलाफ एकजुट होकर कार्य करने की प्रेरणा दी, साथ ही यह संदेश भी दिया कि यदि व्यक्ति दृढ़ निश्चय कर ले, तो किसी भी नकारात्मक आदत से अपने जीवन को मुक्त कर सकता है। कार्यक्रम में स्वास्थ्यकर्मियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों की सक्रिय भागीदारी देखी गई, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि नशा मुक्त समाज की दिशा में यह एक प्रभावी और सकारात्मक पहल रही।


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