सुपौल। वीरपुर नगर पंचायत स्थित बस स्टैंड के समीप होटल वीर बिहार में रविवार को ग्राम रक्षा दल सह पुलिस मित्रों की एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में बसंतपुर, प्रतापगंज, राघोपुर एवं छातापुर प्रखंडों से दर्जनों कार्यकर्ता शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने अपनी नौ सूत्री मांगों को लेकर जोरदार नारेबाजी की और सरकार व प्रशासन के रवैये के खिलाफ आक्रोश जताया।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे जिला अध्यक्ष बजरंग कुमार ने बताया कि बीते लगभग 12 वर्षों से ग्राम रक्षा दल के सदस्य जिले में पर्व-त्योहार, आपदा प्रबंधन, चुनाव, कोविड-19 नियंत्रण जैसे अनेक महत्वपूर्ण प्रशासनिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और प्रशासन कार्यों के दौरान तो इनसे सहयोग लेते हैं, लेकिन बाद में उपेक्षा करते हैं।
उन्होंने बताया कि पंचायती राज अधिनियम 2004 और 2006 तथा संयुक्त निदेशक, पंचायती राज विभाग के पत्रों के आलोक में ग्राम रक्षा दल के सदस्य विद्यालयों की सुरक्षा, ग्राम कचहरी व्यवस्था, विधि-व्यवस्था बनाए रखने जैसे कार्यों में थानाध्यक्षों के निर्देशानुसार वर्षों से कार्यरत हैं। कुछ जिलों में पुलिस अधीक्षक द्वारा इन्हें लाठी, टॉर्च जैसी सामग्री भी दी गई है और उपस्थिति पंजी भी संचालित होता है। इसके बावजूद इन्हें कोई मानदेय या भत्ता नहीं मिलता, जिससे जीवन-यापन कठिन हो गया है।
कार्यकर्ताओं ने सरकार से मांग की कि उन्हें पंचायती व्यवस्था का मान्य अंग मानते हुए सम्मानजनक मानदेय, सुरक्षा और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएं, ताकि वे निरंतर प्रशासनिक सहयोग दे सकें।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि यदि विधानसभा चुनाव से पूर्व सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो प्रदेश भर के ग्राम रक्षा दल सह पुलिस मित्र एकजुट होकर उग्र आंदोलन करेंगे और चुनाव का बहिष्कार भी करेंगे।
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