सुपौल। छातापुर मुख्यालय स्थित संतमत योगाश्रम परिसर में शनिवार को महर्षि संतसेवी परमहंस जी महाराज की 106वीं जयंती श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ मनाई गई। जयंती कार्यक्रम के दौरान सत्संगी एवं अध्यात्मप्रेमियों ने महर्षि संतसेवी जी के तैलचित्र पर पुष्प एवं प्रसाद अर्पित कर उन्हें नमन किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति से परिसर भक्तिमय माहौल में सराबोर रहा।
कार्यक्रम संतमत के सुपौल पूर्व जिलामंत्री सीताराम मंडल के सानिध्य में संपन्न हुआ। प्रातःकालीन एवं अपराह्नकालीन सत्र में स्तुति, विनती, पुष्पांजलि एवं आरती के पश्चात श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। प्रवचनों के दौरान वक्ताओं ने महर्षि संतसेवी परमहंस जी महाराज के जीवन एवं शिक्षाओं पर प्रकाश डाला।
बताया गया कि महर्षि संतसेवी परमहंस जी महाराज, सदगुरुदेव महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के परम शिष्य थे। संतसेवी जी का मानना था कि गुरुदेव की निःस्वार्थ सेवा एवं संतमत की साधना से ही जीवन में सच्ची शांति और मुक्ति संभव है। उनका यह संदेश कि सच्चे मन से किसी भी वेश में रहकर गुरु का भजन किया जा सकता है, आज भी सत्संग प्रेमियों के लिए प्रेरणादायक और प्रासंगिक है।
जयंती के अवसर पर सत्संग प्रेमियों एवं आगंतुकों के लिए दोनों समय भंडारे का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन भक्तिमयी माता सुनैयना देवी एवं उनके पुत्र मनीष भगत व अमित भगत के सहयोग से किया गया। आयोजन को सफल बनाने में रामस्वरूप सिंह, मुकेश साह, नंदकिशोर चौरसिया, राजेंद्र साह, उपेंद्र सिंह, रमेश साह, राजो साह, सुरेश भगत, धनिलाल मलाकार, भूवन ठाकुर, गीता देवी, गुड्डू भगत सहित अनेक श्रद्धालुओं ने सक्रिय भूमिका निभाई।

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