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संसद सदस्य जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक संपन्न, दुर्घटनाओं में कमी लाने को ठोस कार्ययोजना पर दिया जोर



सुपौल। समाहरणालय स्थित लहटन चौधरी सभागार में संसद सदस्य जिला सड़क सुरक्षा समिति सुपौल की महत्वपूर्ण बैठक सांसद सह समिति अध्यक्ष दिलेश्वर कामैत की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों के विधायकगण सहित जिला सड़क सुरक्षा समिति के नामित सदस्य, प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक की शुरुआत जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा पौधा भेंट कर अध्यक्ष एवं उपस्थित सदस्यों के स्वागत से हुई। इसके पश्चात जिला परिवहन पदाधिकारी ने बैठक के उद्देश्य, सड़क सुरक्षा के महत्व तथा जिले में अब तक किए गए कार्यों की विस्तृत जानकारी दी।

जिला परिवहन पदाधिकारी ने बताया कि जिला सड़क सुरक्षा समिति के माध्यम से सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों का नियमित विश्लेषण, दुर्घटना के कारणों की पहचान, ब्लैक स्पॉट का चिन्हीकरण व सुधार, सड़क सुरक्षा मानकों के अनुरूप कार्ययोजना का क्रियान्वयन, हिट एंड रन मामलों में मुआवजा भुगतान, गुड समैरिटन (नेक व्यक्ति) योजना का अनुपालन तथा मोटर ड्राइविंग प्रशिक्षण विद्यालय की स्थापना जैसे विषयों पर लगातार निगरानी की जा रही है।

बैठक के दौरान निर्मली विधायक अनिरुद्ध प्रसाद यादव ने ब्लैक स्पॉट चिन्हीकरण में और अधिक संवेदनशीलता बरतने की आवश्यकता बताते हुए पिपरा खुर्द एवं झाझा के निकट ब्लैक स्पॉट चिन्हित करने का सुझाव दिया। उन्होंने परिवहन विभाग की योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु प्रखंड स्तर पर बैनर व सूचना सामग्री लगाने की भी मांग की। पिपरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक ने करिहो चौक एवं बगही चौक को ब्लैक स्पॉट सूची में शामिल करने का अनुरोध किया।

बैठक में सड़क दुर्घटना के गोल्डन आवर में घायलों को अस्पताल पहुंचाने वाले नेक व्यक्ति को दी जाने वाली 25,000 की प्रोत्साहन राशि के व्यापक प्रचार-प्रसार पर विशेष जोर दिया गया। जिला परिवहन पदाधिकारी ने बताया कि इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, न्यायिक पदाधिकारियों एवं परिवहन कर्मियों को संयुक्त रूप से प्रशिक्षण दिया गया है तथा नेक व्यक्ति को किसी भी प्रकार की अनावश्यक पूछताछ से मुक्त रखने के स्पष्ट निर्देश जारी हैं।

जिला पदाधिकारी सह सदस्य सचिव, जिला सड़क सुरक्षा समिति ने निर्देश दिया कि इस योजना के प्रचार हेतु शहर के प्रमुख स्थलों पर होर्डिंग लगाए जाएं तथा सोशल मीडिया एवं प्रिंट मीडिया के माध्यम से लगातार जागरूकता अभियान चलाया जाए।

बैठक में जिले में यातायात जाम की समस्या पर भी चर्चा हुई। सर्वसम्मति से बिना निबंधन संचालित ई-रिक्शा के विरुद्ध सख्त कार्रवाई का निर्णय लिया गया। साथ ही ई-रिक्शा संचालन के लिए रूट एवं समय निर्धारण हेतु सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को अधिकृत किया गया।

वीरपुर अनुमंडल पदाधिकारी ने घने कोहरे को देखते हुए सड़कों के मध्य व किनारों की रोड मार्किंग दुरुस्त करने का सुझाव दिया, जिस पर जिला पदाधिकारी ने ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता को त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया।

अध्यक्षीय संबोधन में सांसद दिलेश्वर कामैत ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में बिहार देश में दसवें स्थान पर है, जिसे सुधारने की सख्त आवश्यकता है। उन्होंने यातायात नियमों का बार-बार उल्लंघन करने वाले चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस निलंबन एवं निरस्तीकरण की कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने ओवरस्पीडिंग, सीट बेल्ट नहीं पहनना, गलत दिशा में वाहन चलाना एवं अनियंत्रित यू-टर्न को सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण बताया।

सांसद ने स्कूलों एवं कॉलेजों में प्राथमिकता के आधार पर सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाने तथा ड्राइविंग लाइसेंस निर्गत करने की प्रक्रिया को और अधिक सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। पुलिस पदाधिकारियों को सड़क पर अनुशासन एवं यातायात नियमों के कठोर अनुपालन का निर्देश भी दिया गया।

जिला पदाधिकारी ने बताया कि सड़क नियमों एवं उल्लंघन पर दंड/जुर्माने से संबंधित एक सूचना पुस्तिका शीघ्र ही आम जनता के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। सांसद ने निर्देश दिया कि जिन स्थानों पर दो या अधिक बार सड़क दुर्घटनाएं घटित हुई हैं, उनकी पहचान कर सभी थाना क्षेत्रों से रिपोर्ट लेकर विशेष कार्ययोजना तैयार की जाए। अंत में अध्यक्ष की अनुमति से बैठक की कार्यवाही समाप्त की गई तथा उपस्थित सदस्यों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

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